QUAD ग्रुप की बैठक में पीएम मोदी ने लिया हिस्सा, कहा- इंडो- पैसिफिक में स्थिरता के लिए करते रहेंगे काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हुई पहले QUAD वर्चुअल सम्मेलन में वीडियो कॅान्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया। इसके साथ ही QUAD सम्मेलन में पीएम मोदी ने रखी कई बातें जानिए यहां।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को  हुई पहले QUAD वर्चुअल सम्मेलन में वीडियो कॅान्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया। बता दें कि QUAD चार देशों का एक समूह  है जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान जैसे चार प्रमुख देश हैं। वही इस वर्चुअल सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रीपति जोसेफ आर.बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया स्कॅाट मॅारिसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने भाग लिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वैश्विक स्तर पर  इस मंच पर कितना महत्तव होगा। 

QUAD सम्मेलन में पीएम मोदी ने रखी कई बातें

QUAD सम्मेलन के दौरान चारों वैश्विक नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों की और एक स्वतंत्र और समावेशी हिंद- प्रशांत क्षेत्र को बनाएं रखने के लिए एक-दूसरे को सहयोग देने पर सहमति जताई। इसके अलावा समुद्री सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मसलों पर भी बात हुई। इसके साथ-साथ पीएम मोदी ने कई  महत्वपूर्ण बातें कही।

कोरोना वैक्सीन के लिए करेंगे सहयोग

 पीएम मोदी ने सम्मेलन के दौरान कहा कि हम कोविड-19 से हमारी लड़ाई में एकजुट हैं। वही हमने कोविड-19 वैक्सीन की सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए लैंडमार्क क्वैड साझेदारी शुरु की है। वही भारत की वैक्सीन उत्पादन की क्षमता को जापान, यूएस और ऑस्ट्रेलिया की मदद से और अधिक विस्तारित किया जाएगा जिससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों की सहायता की जा सकें।

समावेशी और मुक्त इंडो-पैसिफिक क्षेत्र

पीएम मोदी  ने कहा कि QUAD के पहले वर्चुअल समिट में अमेरिकी राष्ट्रीय बिडेन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॅाट मॅारिसन और जापानी पीएम सुगा के साथ उपयोगी चर्चा हुई। वही इस दौरान हमारे SAGAR(Security and Growth for All in  the Region) विजन के अनुरुप एक मुक्त, खुले और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। 

भारतीय संस्कृति का वैश्विक भाव

भारतीय संस्कृति और दर्शन के दृष्टिकोण पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा आज का एजेंडा, वैक्सीन, जलवायु परिवर्तन और उभरती तकनीकियों पर बात करने का हैं। मैं इस सकारात्मक विजन को प्रचीन भारतीय दर्शन वसुधैव कुटुंबकम के एक विस्तार की तरह देखता हूं जो पूरे विश्व को एक परिवार की तरह मानती हैं। 

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