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पहलगाम हमले को लेकर भारत सरकार पूरे एक्शन में नजर आ रही है। पाकिस्तान के खिलाफ भारत सरकार लगातार बड़े से बड़े एक्शन लेती हुआ दिखाई दे रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस संदर्भ में देश की टॉप कमेटी सीसीएस, सीसीपीए, सीसीईए और कैबेनिट के साथ मीटिंग की है। फिलहाल मीटिंग खत्म हो गई है, लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि इस मीटिंग का मकसद आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कदम उठाना और पहलगाम अटैक का जवाब देने से जुड़ा है।
दरअसल पहलगाम हमलों के बाद दूसरी बार बुलाई गई बैठक में पहलगाम की घटना के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा हुई। सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की पिछली बैठक 23 अप्रैल को हुई थी और पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा व्यक्त की।
पिछली सीसीएस की बैठक के बाद भारत ने पिछले बुधवार को पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने सहित कई उपायों की घोषणा की थी। भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के सीमापार संबंधों के मद्देनजर पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करने, छह दशक से अधिक पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल बंद करने की घोषणा की। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना में पाकिस्तान का हाथ होने की बात सामने आई है।




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