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रमजान 2025: पहला जुमा आज, जानें जुमे की नमाज का महत्व और समय

रमजान 2025 का पहला जुमा आज (7 मार्च) है। इस्लाम में जुमे की नमाज को बेहद अहम माना जाता है। जानें जुमे की नमाज का समय, इसका महत्व और इससे जुड़ी खास बातें।

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By Shraddha Singh | New Delhi, Delhi | खबरें - 07 March 2025

रमजान 2025: पहला जुमा आज, जानें जुमे की नमाज का महत्व और समय

रमजान का पाक महीना चल रहा है और 7 मार्च 2025 को इस मुबारक महीने का पहला जुमा (शुक्रवार) है। इस्लाम धर्म में जुमे की नमाज को बेहद अहम माना जाता है। रोजेदारों के लिए यह दिन और भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि रमजान में इबादत की अहमियत कई गुना बढ़ जाती है। आज शुक्रवार को रोजेदार विशेष नमाज अदा करेंगे और अल्लाह से रहमत की दुआ मांगेंगे।


जुमे की नमाज का समय (Ramadan 2025 Jumma Namaz Time)

माह-ए-रमजान की शुरुआत इस साल 2 मार्च 2025 (रविवार) से हुई थी और इसकी समाप्ति 30 या 31 मार्च को होने की संभावना है। वहीं, आज 7 मार्च को रमजान के पहले जुमे की नमाज़ अदा की जाएगी।

जुमे की नमाज से पहले मस्जिदों में विशेष साफ-सफाई की जाती है और हजारों की संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं। इस बार 7 मार्च 2025 को जुमे की नमाज दोपहर 12:33 बजे अदा की जाएगी। हालांकि, अलग-अलग शहरों और मस्जिदों में नमाज का समय कुछ मिनटों के अंतर से बदल सकता है।


जुमे का दिन मुसलमानों के लिए ईद से कम नहीं

हदीस में इब्ने अब्बास (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) से आया है कि, अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया -
"यह ईद का दिन है जिसे अल्लाह ने मुसलमानों के लिए बनाया है। इसलिए जो मुसलमान जुमे की नमाज के लिए आएं, उसे नहाना जरूर चाहिए, इत्र लगाना चाहिए और मिस्वाक करना भी जरूरी है।"

इस्लामी विद्वान इब्नुल क़ैयिम रहिमहुल्लाह ने जुमे के दिन की खासियत का जिक्र करते हुए कहा -
"हर हफ्ते जुमा एक ईद की तरह होता है, जो मुसलमानों के लिए खुशी और बरकत का दिन है।"

इस्लाम धर्म में कुल तीन ईदें होती हैं:

  1. ईद-उल-फित्र – जो रमजान के खत्म होने के बाद मनाई जाती है।
  2. ईद-उल-अज़हा – जिसे बकरीद के नाम से जाना जाता है।
  3. हर हफ्ते आने वाला जुमा, जिसे मुसलमानों के लिए ईद के समान माना जाता है।

रमजान का जुमा: सोने पे सुहागा

रमजान को इबादत और बरकत का महीना माना जाता है, और इस दौरान आने वाले जुमे की नमाज की अहमियत और भी ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो रोजेदार रमजान के जुमे की नमाज अदा करता है, उस पर अल्लाह की विशेष मेहरबानी होती है।

इस साल रमजान में कुल 4 जुमे होंगे:

  • पहला जुमा – 7 मार्च 2025
  • दूसरा जुमा – 14 मार्च 2025
  • तीसरा जुमा – 21 मार्च 2025
  • चौथा जुमा – 28 मार्च 2025

जुमे की नमाज से मिलती हैं बरकतें और गुनाहों की माफी

इस्लाम धर्म में रोज पांच वक्त की नमाज अदा करना हर मुसलमान पर फर्ज है। इनमें जुमे की नमाज को विशेष रूप से अहम माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि हजरत आदम अलैहिस्सलाम को शुक्रवार के दिन ही जन्नत से इस दुनिया में भेजा गया था और जन्नत में उनकी वापसी भी जुमे के दिन ही हुई।

हदीस में आता है कि जो व्यक्ति जुमे की नमाज अदा करता है, उसके पूरे सप्ताह के छोटे-छोटे गुनाहों को अल्लाह माफ कर देते हैं। इसके अलावा जुमे के दिन की गई इबादत का 70 गुना ज्यादा सवाब मिलता है।


क्या करें जुमे के दिन?

  1. गुस्ल (स्नान) करें – हदीस के अनुसार, जुमे के दिन स्नान करना और साफ-सुथरे कपड़े पहनना जरूरी है।
  2. इत्र लगाएं – खुद को खुशबूदार बनाए रखें।
  3. मिस्वाक करें – दांतों की सफाई का विशेष ख्याल रखें।
  4. कुरआन की तिलावत करें – खासतौर पर सूरह अल-कहफ पढ़ने की सिफारिश की गई है।
  5. अल्लाह से दुआ करें – जुमे की दुआ कुबूल होने का खास वक्त होता है, इसलिए इस दिन ज्यादा से ज्यादा इबादत करें।
  6. गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें – इस दिन दान और खैरात करने का बहुत सवाब है।

जुमे के दिन की खास बातें

 यह हफ्ते का सबसे बेहतरीन दिन है।
  इस दिन हजरत आदम (अ.) की पैदाइश हुई।
 इसी दिन उन्हें जन्नत में दाखिल किया गया और इसी दिन निकाला भी गया।
 इस दिन एक खास घड़ी होती है जिसमें दुआ कबूल होती है।
  इस दिन ज्यादा से ज्यादा दरूद शरीफ पढ़ना चाहिए।


निष्कर्ष

रमजान का पाक महीना और जुमे का दिन, दोनों ही मुसलमानों के लिए बेहद खास होते हैं। इस दौरान की गई इबादत का कई गुना ज्यादा सवाब मिलता है और गुनाहों की माफी भी होती है।

इस साल पहला रमजान का जुमा 7 मार्च 2025 को पड़ रहा है, जो सभी मुसलमानों के लिए बरकतों और रहमतों से भरा दिन होगा। इसलिए इस मौके पर ज्यादा से ज्यादा नमाज अदा करें, दुआ करें और नेक कामों में हिस्सा लें।

अल्लाह हम सभी को जुमे की बरकतों से नवाजे!  

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