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जम्मू-कश्मीर में वक्फ बिल का सत्र शुरू होते ही एक बार फिर से सदन में हंगामा हो गया। सदन में नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायकों और भाजपा के विधायकों के बीच नारेबाजी और हाथापाई देख जम्मू-कश्मीर की विधानसभा ने कुछ समय के लिए कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और अवामी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों ने वक्फ कानून के खिलाफ है। पीडीपी के विधायक वाहिद उर्ररहमान ने जम्मू-कश्मीर में वक्फ बिल को स्थगित करने के लिए पेश किया था, जिसे विधानसभा स्पीकर ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में हंगामा शुरू हो गया।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा कि यह मुद्दा मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है। वक्फ से जुड़े मामले केवल धार्मिक नहीं हैं, बल्कि यह 24 करोड़ लोगों के अधिकारों और गरिमा का भी सवाल है। जम्मू-कश्मीर, जो भारत का एकमात्र मुस्लिम-बहुदलीय क्षेत्र है। इस मुद्दे के खिलाफ जम्मू- कश्मीर अपनी भूमिका निभाने के लिए खड़ा रहेगा।
उन्होंने
आगे कहा -पीडीपी ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाते हुए एक नया प्रस्ताव पेश किया
है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए ताकि लोगों की आवाज सुनी जा सके।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर सरकार से आग्रह है कि वे राजनीतिक
संकल्प दिखाएं और अपने लोगों के अधिकारों पर किसी भी तरह के अतिक्रमण के खिलाफ
मजबूती से खड़े रहें।




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