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दुनियाभर में कोरोना संक्रमण की चली दूसरी लहर, जानिए कैसे हो सकता है इससे बचाव?

स्थिति को देखते हुए नहीं कहा जा सकता कि अभी ये वायरस थमेगा। इसलिए हर्ड इम्युनिटी का प्रसारित होना बेहद आवश्यक हो गया है।

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By Anshita Shrivastav | खबरें - 09 November 2020

लोगों को ऐसा लग रहा था कि धीरे-धीरे संक्रमण की गति धीमी हो जाएगी लेकिन इसका उल्टा ही होता दिख रहा है। अभी हाल ही मिली जानकारी के मुताबिक यूरोप के बड़े हिस्से में संक्रमण की नई लहर के चलते  डबरा लॉकडाउन लगा दिया गया  है। अमेरिका में कोरोना के नए मामले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। लेकिन भारत में संख्या मेँ गिरावट हो रही है। 

जब भी कोई नया वायरस या बीमारी लोगों पर प्रभाव डालना शुरू करती है तो शुरूआती तौर पर शरीर में उस बीमारी के खिलाफ एंटीबॉडी नहीं होती है। साथ  ही शरीर में प्रतिरक्षा भी नहीं होती। लेकिन समय के साथ किसी भी बीमारी या वायरस के खिलाफ शरीर में इम्युनिटी और एंटीबॉडी बन जाती है और हम बीमारी से लड़ने में सक्षम हो जाते हैं। कोई भी वायरस नहीं होता पर समय के साथ शरीर उससे लड़ने के लिए क्षमता बना लेता है।


हर्ड इम्युनिटी कितनी महत्वपूर्ण है?

एंटीबॉडी केवल एक मार्कर है जिसे आपने हाल ही में उजागर किया है। वे यह नहीं दर्शाते हैं कि प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के साथ क्या हो रहा है, इसलिए यह कहना गलत है कि एंटीबॉडी के क्षय का मतलब है कि सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा क्षय हो रही है।

अन्य नॉर्डिक देशों की तुलना में स्वीडिश मॉडल को आंकना गलत गलत है। डेनमार्क और नॉर्वे दोनों जगह वायरस को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की है। लेकिन, आर्थिक नुकसान के मामले में, स्वीडन वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक नेटवर्क का हिस्सा है


हर्ड इम्युनिटी हासिल करने से भारत कितना दूर?

भारत में कई क्षेत्र हर्ड इम्युनिटी हासिल कर चुके हैं, क्योंकि संक्रमण का स्तर स्वाभाविक रूप से गिर रहा है। अध्ययनों से सीखा जाने वाला सबक यह है कि आप यह नहीं बता सकते हैं कि जनसंख्या का कितना अनुपात उजागर हुआ है, और कब। भारत में करीब 60-70% एंटीबॉडी मिल सकती हैं। 

डेटा से पता चलता है कि भारत में लगभग 10% मौतें 26-44 वर्ष की आयु के लोगों की होती हैं। डेटा पर ध्यान से देखने की जरूरत है। लेकिन यूके और कई अन्य देशों में 26 से 44 आयु के लोगों में कम खतरा है। 

अब ठंड का समय बढ़ रहा है ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा भी ज्यादा बढ़ गया है। स्थिति को देखते हुए नहीं कहा जा सकता कि अभी ये वायरस थमेगा। इसलिए हर्ड इम्युनिटी का प्रसारित होना बेहद आवश्यक हो गया है।



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