असम-मिजोरम सीमा पर फिर तनावपूर्ण हुए हालात, पुलिस फायरिंग में एक घायल

असम और मिजोरम पुलिस के बीच सोमवार रात फायरिंग की घटना के बाद तीन सप्ताह तक चली हिंसक झड़प के बाद अंतरराज्यीय सीमा पर एक बार फिर तनाव बढ़ गया है.

  • 910
  • 0

असम और मिजोरम पुलिस के बीच सोमवार रात फायरिंग की घटना के बाद तीन सप्ताह तक चली हिंसक झड़प के बाद अंतरराज्यीय सीमा पर एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. मिजोरम ने आरोप लगाया कि असम पुलिस के जवानों ने उनके नागरिकों पर गोलियां चलाईं, जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया. उधर पड़ोसी राज्य ने दावा किया कि सीमा के दूसरी ओर से बदमाशों ने उन पर गोलियां चलाईं जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की.

हिंसक झड़प में 7 की मौत

26 जुलाई को दो पूर्वोत्तर राज्यों के पुलिस बलों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें असम के छह पुलिसकर्मियों सहित सात लोग मारे गए और 50 से अधिक घायल हो गए. सीमा विवाद को सुलझाने की प्रक्रिया अभी जारी है. घटना सोमवार दोपहर 2 बजे असम के हैलाकांडी जिले की सीमा से लगे विवादित एतलांग इलाके में हुई, जब वैरांगटे शहर के तीन लोग असम के बिलाईपुर में रहने वाले एक दोस्त से मिले, मिजोरम के कोलासिब जिले के उपायुक्त एच. लालथलंगलियाना ने एजेंसी को बताया. वह मांस लेने गया था उन्होंने दावा किया कि अंतरराज्यीय सीमा पर तैनात असम पुलिस के जवानों की गोलीबारी में एक व्यक्ति घायल हो गया. 

सीमा विवाद सुलझाने  पर जताई सहमति

असम और मिजोरम के प्रतिनिधियों ने 5 अगस्त को आइजोल में बातचीत की और अंतर-राज्यीय सीमा विवाद को ठीक ढंग से हल करने पर सहमत हुए. बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया कि असम और मिजोरम की सरकारों के प्रतिनिधि राज्यों में रहने वाले लोगों खासकर सीमावर्ती इलाकों के लोगों के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना चाहते हैं और इसके लिए दोनों राज्यों ने सहमति जताई है. असम सरकार ने उसी दिन मिजोरम की यात्रा के खिलाफ पहले जारी एक एडवाइजरी को भी रद्द कर दिया. असम में कछार, करीमगंज और हैलाकांडी के बराक घाटी जिले मिजोरम, आइजोल, कोलासिब और ममित के तीन जिलों के साथ 164 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. 1971 में वर्षों के विद्रोह के बाद एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बनाए जाने से पहले मिजोरम असम का एक जिला था. उसके बाद यह विवाद खड़ा हो गया कि सीमा कहां होनी चाहिए क्योंकि इसे लेकर अलग-अलग धारणाएं थीं. मिजोरम चाहता है कि यह 1875 में अधिसूचित इनर लाइन के साथ हो जिसे मिजो आदिवासी मानते हैं कि यह उनकी ऐतिहासिक मातृभूमि का हिस्सा है. वहीं, असम बहुत बाद में बने जिले के सीमांकन के अनुसार सीमा तय करना चाहता है.


RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT