अंधविश्वास ने ली मासूम बच्ची की जान, इलाज के नाम पर गर्म सलाखों से दागा

बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि मासूम को बार-बार झटके लग रहे थे, जैसे कोई मासूम को दागदार कर रहा हो, 51 बार गर्म सलाखों से दर्द देकर मासूम को दागी.

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बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि मासूम को बार-बार झटके लग रहे थे, जैसे कोई मासूम को दागदार कर रहा हो, 51 बार गर्म सलाखों से दर्द देकर मासूम को दागी, जिसकी बुधवार को मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई. हो गया.

सलाखों से दागा गया

जब नवजात वेंटिलेटर पर संघर्ष कर रहा था, तब अधिकारियों ने उसे इस हालत में लाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. अब युवती की मौत के बाद जांच और कार्रवाई की बात हो रही है. बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि मासूम को बार-बार कंपकंपी आ रही थी, जैसे कोई उसे छेड़ रहा हो. उन्हें 51 बार गर्म सलाखों से दागा गया. इससे बुधवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पुलिस-प्रशासन सिर्फ मामले की जांच की बात कर रहा है.

बच्ची की मौत 

यह पूरा मामला जिले के सिंहपुर कठौतिया गांव का है. अंधविश्वास के चलते इलाज के नाम पर नवजात बच्ची को बदनाम कर दिया. त्वचा जलने के कारण बच्ची के शरीर में संक्रमण बढ़ गया था. उसे बार-बार झटके आ रहे थे. ढाई माह की बच्ची के दिमाग में भी इंफेक्शन बढ़ गया था. मेडिकल कॉलेज शहडोल में विशेषज्ञों की टीम ने उसे बचाने का भरसक प्रयास किया. बीच-बीच में स्थिति में सुधार भी हुआ, लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ गई और बुधवार को बच्ची की मौत हो गई.

जांच के निर्देश

वहीं जब इस मामले में कलेक्टर वंदना वैद्य से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि बच्ची की मौत निमोनिया से हुई होगी न कि जलने से. पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने बताया कि कार्रवाई और जांच के निर्देश अधिकारियों को दे दिये गये हैं. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.


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