नाबालिग बीमार बाप को लीवर डोनेट करने को था तैयार, बाप ने तोड़ दिया दम

उत्तर प्रदेश का एक 17 साल का नाबालिग लड़का अपने बीमार पिता को लीवर दान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी. मगर मामलें में सुनवाई से पहले ही नाबालिग के पिता की मौत हो गई. इस संबंध में अदालत को बुद्धवार को जानकारी दी है.

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उत्तर प्रदेश का एक 17 साल का नाबालिग लड़का अपने बीमार पिता को लीवर दान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी. मगर मामलें में सुनवाई से पहले ही नाबालिग के पिता की मौत हो गई. इस संबंध में अदालत को बुद्धवार को जानकारी दी है. इसके बाद जस्टिस कौल और जस्टिस अभय ओका की पीठ ने मामले की कार्यवाही स्थगित करने का फैसला किया . दर असल यह इस मामले को बीते शुक्रवार को चीफ जस्टिस यूयू ललित ने संज्ञान में लिया था, जस्टिस  ललित ने मामले की तत्परता को समझते हुए इसे सूची बद्ध करने के निर्देश दिए थे.

अदालत ने इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी कर राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी को नोटिस भी भेजा था. सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहने को कहा था. पीठ ने कहा था कि, बेटे ने स्वेच्छा से अपना लीवर दान करने की इच्छा जताई है. मगर उसके नाबालिग होने के वजह से संबंधित कानून के तहत ऐसा करने की मंजूरी नहीं है. 

इसी बीच अदालत ने कहा था कि लीवर दान किया जा सकता है या नहीं, यह देखने के लिए संबंधित परीक्षण किया जाना चाहिए. रिपोर्टस के मुताबिक, इस मामले में नाबालिग की मां भी लीवर दान करने को तैयार थी. मगर वह मेडिकल जांच परीक्षण में  डोनेट करने के लिए फिट नहीं पाई गईं. 

इससे पहले भी आए हैं मामले

यह मामला कोई पहली बार अदालत के सामने नहीं आया है. इससे पहले भी इस तरह के मामले कोर्ट में आ चुके हैं. बॉम्बेहाई कोर्ट के समक्ष भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां पर 16 साल की एक नाबालिग लड़की ने पिता को लीवर का एक हिस्सा दान करने के लिए याचिका दायक की थी. मगर नाबालिग होने के वजह से उसकी याचिका को मंजूरी नहीं दी गई थी. अदालत ने सरकार को इस मामले में फैसला लेने का निर्देश दिया था.

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नाबालिगों के अंगदान को लेकर शुरु हुई बहस 

इस मामले को सामने आने के बाद यह बहस शुरु हो गई है कि क्या जीवित नाबालिगों को अंगदान की इजाजत दी जानी चाहिए या नहीं क्योंकि कानून के मुताबिक कोई नाबालिग मौत से पहले अपने शरीर का कोई भी अंग या टिश्यू डोनेट कर सकता है. गौरतलब है कि, एक नाबालिग लड़के हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. नाबालिग ने याचिका में कहा था कि उसके पिता की हालत गंभीर है और उन्हें  तुरंत लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत है. मैं अपने पिता को लीवर देना चाहता हूं. इसी को लेकर नाबालिग ने कोर्ट से अनुमति मांगी थी 




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