बृहस्पतिवार का दिन होता है खास, इस दिन भगवान विष्णु की करें पूजा

गुरु का अर्थ है भारी और गरुड़ सभी पक्षियों में सबसे भारी होता है. वहीं गुरुवार के दिन गरुड़ की कठोर तपस्या के कारण गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित था.

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गुरुवार का दिन दुनिया के रक्षक भगवान श्री हरि विष्णु और देवताओं के गुरु बृहस्पति देव के लिए निर्धारित है. इस दिन पूरे विधि के साथ भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा की जाती है. भगवान विष्णु पीताम्बरधारी हैं यानि वे पीले वस्त्र धारण करते हैं.

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गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का

आपको बता दें कि पक्षियों में सबसे बड़े गरुड़ ने कठोर तपस्या करके भगवान विष्णु को प्रसन्न किया था, जिसके परिणामस्वरूप भगवान विष्णु ने उन्हें अपना वाहन स्वीकार किया था। गुरु का अर्थ है भारी और गरुड़ भी पक्षियों में सबसे भारी है. गरुड़ की सफल तपस्या के कारण गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित था.

वीरवार को पूजन विधि
दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके बाद पूजा घर में भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र पर पीले फूल, हल्दी, चना दाल, पीले चावल और धूप चढ़ाएं. इस दिन भगवान को बेसन के लड्डू अर्पित करने चाहिए. इस दिन केले के पेड़ की पूजा करने की कोशिश करें, यह सबसे अच्छा माना जाता है. पूजा के बाद नारायण कवच और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए.

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