कोनराड संगमा सरकार के गठन की राह मुश्किल, HSPDP ने समर्थन लिया वापस

एचएसपीडीपी के अध्यक्ष केपी पांगनियांग और सचिव पनबोरलंग रिनथियांग ने एनपीपी अध्यक्ष कोनराड संगमा को लिखे पत्र में कहा है कि "एचएसपीडीपी ने आपकी सरकार के गठन के लिए समर्थन देने के लिए दो विधायकों-मेथोडियस डखार और शाक्लियर वारजरी को अधिकृत नहीं किया.

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मेघालय की राजनीति में दिलचस्प सियासी मोड़ आ गया है. जिसके बाद कोनराड संगमा की सरकार बनाने की सरकार की राह मुश्किले बढ़ती हुई नजर आ रही है. दरअसल कोनराड संगमा की नेशनल पीपल्स पार्टी को समर्थन देने वाले स्थानीय पार्टी के दो विधायकों ने समर्थन दिया था लेकिन फिर कुछ ही देर बाद समर्थन से इनकार कर दिया. कोनराड संगना की उम्मीदों पर अब पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 31 विधायकों की जरूरत है.

कोनराड संगमा पेश किया था दावा 

बता दें कि शुक्रवार को कोनराड संगमा ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था एनपीपी नेता ने राज्य के 32 विधायकों के समर्थन का हस्ताक्षरित पत्र राज्यपाल को सौंप दिया था. संगमा ने जिन 32 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा था उसमें एनपीपी के 26 विधायक बीजेपी के 2, हिल स्टेट पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (HSPDP) के 2 और दो निर्दलीय विधायकों के हस्ताक्षर थे. कोनराड संगमा ने बहुमत का दावा करते हुए राज्यपाल को पत्र दिया था. 

एचएसपीडीपी के पत्र ने बदले सियासी रंग 

शुक्रवार को राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपने के कुछ ही देर बाद शाम को एचएसपीडीपी ने एक पत्र से सियासी तस्वीर बदल दिया. पत्र में एचएसपीडीपी ने कहा कि उन्होंने अपने पार्टी के विधायकों को एनपीपी नेतृत्व वाली सरकार गठन को समर्थन देने के लिए अधिकृत नहीं किया है. बता दें कि यूडीपी के पास 11 विधायक हैं, कांग्रेस और टीएमसी के पांच-पांच, VVP के 4, HSPDP के 2 और PDF के 2 विधायक हैं. यानी संयुक्त मोर्चा भी बहुमत से दो कदम पीछे है

एचएसपीडीपी ने समर्थन देने से किया मना 

HT की रिपोर्ट के मुताबिक एचएसपीडीपी के अध्यक्ष केपी पांगनियांग और सचिव पनबोरलंग रिनथियांग ने एनपीपी अध्यक्ष कोनराड संगमा को लिखे पत्र में कहा है कि "एचएसपीडीपी ने आपकी सरकार के गठन के लिए समर्थन देने के लिए दो विधायकों-मेथोडियस डखार और शाक्लियर वारजरी को अधिकृत नहीं किया. पार्टी (एचएसपीडीपी) की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है और इसलिए आपकी पार्टी से अपना समर्थन वापस लेती है, जो आज (शुक्रवार) से ही प्रभावी होगा." इसकी एक प्रति राज्यपाल को भी भेजी है.

विपक्षी पार्टियां NPP को सत्ता में लौटने से रोकने की कोशिश में जुटी

इससे पहले शुक्रवार को यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एचएसपीडीपी, पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) और वॉयस ऑफ पीपल पार्टी (वीपीपी) के नवनिर्वाचित विधायकों और नेताओं ने संयुक्त मोर्चा बनाने की कोशिश करने के लिए शुक्रवार को शिलांग में एक बैठक की. कहा जा रहा है कि संयुक्त मोर्चा एनपीपी को सत्ता में लौटने से रोकने की पूरी कोशिश में जुटा है.


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