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कब से खुलेगेंं कपाट:
बैसाखी
के पावन अवसर पर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर और ऊखीमठ में भगवान
मदमहेश्वर के कपाट खुलने की तिथियां तय हो गई हैं। इसके साथ ही मक्कूमठ में
तुंगनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि भी तय कर दी गई है। 2 मई को भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल
दिए जाएंगे।

पंचकेदार में शामिल द्वितीय केदार मध्यमेश्वर के कपाट 21 मई को सुबह 11:30 बजे खोले जाएंगे। वहीं पंचकेदार में शामिल तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट पंचपुरोहितों की पंचांग गणना के अनुसार 2 मई को सुबह 10 बजे खोले जाएंगे।

डोली यात्रा :
भगवान तुंगनाथ की डोली 20 अप्रैल को मार्कंडेय मंदिर से भूतनाथ मंदिर में प्रवास करेगी। फिर 1 मई को भूतनाथ मंदिर से चोपता और 2 मई को चोपता से श्री तुंगनाथ मंदिर के धाम पहुंचेगी। बाबा मध्यमेश्वर की डोली 10 मई को ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी और 21 मई को मध्यमेश्वर धाम पहुंचेगी।

तुंगनाथ धाम:
हिमालय की गोद में स्थित तुंगनाथ धाम, विश्व का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। हर साल वसंत ऋतु में तुंगनाथ के पवित्र कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं। यह मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने किया था।

मदमहेश्वर धाम:
मदमहेश्वर महादेव भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र स्थल है। इसका निर्माण पांडवों द्वारा उनके पापों के प्रायश्चित के लिए किया गया था। इस मंदिर में भगवान शिव की नाभि की पूजा होती है, जो इस स्थल को आध्यात्मिक महत्व प्रदान करती है।





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