खाने का तेल जल्द होगा सस्ता

खाने वाले तेलों के मामले में भारत के आयात का दो तिहाई हिस्सा केवल पाम ऑयल का है. भारत सालाना करीब 90 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता है.भारत में इंडोनीशिया और मलेशिया दोनों ही देशों से पाम ऑयल का आयात किया जाता है.

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सरकार ने घरेलू बाजार में खाद्य तेलों (Edible oil) की कीमतों में कमी लाने के उद्देश्य से मंगलवार को कच्चे पाम तेल पर लगने वाला आयात शुल्क( import duty on crude plam oil) की मानक दर को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. अन्य आम तेलों पर यह 37.5 प्रतिशत होगी. यह निर्णय 30 सितंबर तक जारी होगा.


केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर (central indirect tax) और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक अधिसूचना में कहा कि कच्चे पाम तेल पर मानक (Standard Customs Duty on Crude Palm Oil) सीमा शुल्क (BCD) दर संशोधित कर 10 प्रतिशत किया गया है, जो बुधवार से प्रभावी हो गई है.


कच्चे पाम तेल पर 10 प्रतिशत के मूल आयात शुल्क के साथ प्रभावी आयात शुल्क 30.25 प्रतिशत होगा, जिसमें उपकर और अन्य शुल्क शामिल होंगे, जबकि परिष्कृत पाम तेल के लिए यह बुधवार से 41.25 प्रतिशत हो गया है.सीबीआइसी ने कहा, यह अधिसूचना 30 जून, 2021 से प्रभावी होगी और 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी.


सरकार ने इस माह की शुरुआत में पांम तेल सहित खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य में भी 112 डालर प्रति टन तक कमी की थी. इससे भी घरेलू कीमतों को कम रखने में सहायक माना गया.

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