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उन्नाव रेप केस में दोषी करार दिए गए बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट ने एक दिन की अंतरिम जमानत दी है। अदालत ने यह राहत उनकी मोतियाबिंद सर्जरी को ध्यान में रखते हुए दी। हालांकि, हाई कोर्ट ने सेंगर को 5 फरवरी तक जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने का सख्त निर्देश दिया है।
कैसे सामने आया था मामला?
2017 में उन्नाव में हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। सेंगर पर आरोप था कि उन्होंने नाबालिग लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म किया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने केस को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था।
कोर्ट का फैसला और सजा
2019 में दिल्ली की अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही अदालत ने सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
जमानत पर उठ रहे सवाल
कुलदीप सिंह सेंगर को मिली अंतरिम जमानत पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इससे पहले भी वह बीमारी और पारिवारिक कारणों का हवाला देकर राहत मांग चुके हैं, लेकिन अदालत ने हर बार सख्ती दिखाई थी।
पीड़िता की लंबी कानूनी लड़ाई
इस केस में पीड़िता और उसके परिवार ने कठिन कानूनी लड़ाई लड़ी।
- पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हुई, जिसमें सेंगर और उनके सहयोगियों की भूमिका सामने आई थी।
- 2019 में पीड़िता की गाड़ी को ट्रक से टकराकर हत्या की कोशिश की गई, जिसमें उसकी चाची और वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
अब आगे क्या?
अदालत के आदेश के अनुसार, सेंगर को 4 फरवरी को सर्जरी के लिए बाहर आने की अनुमति मिली है, लेकिन 5 फरवरी को उन्हें वापस जेल जाना होगा। अब यह देखना होगा कि सेंगर समय पर आत्मसमर्पण करते हैं या फिर कोई नई कानूनी चाल सामने आती है।




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