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किसान आंदोलन 2.0 में हिस्सा लेने के लिए अब देश के प्रमुख संयुक्त किसान संगठन मोर्चा पर दबाव बढ़ता जा रहा है। किसानों ने यह आंदोलन 13 फरवरी को शुरू किया और 'दिल्ली चलो मार्च' से संयुक्त किसान मोर्चा अभी तक दूरी बनाए हुए था, लेकिन इनपर आंदोलन में शामिल होने पर दबाव बढ़ रहा है।
क्या है संयुक्त किसान मोर्चा
बता दें कि, संयुक्त किसान मोर्चा देश भर के किसान संगठनों का एक बड़ा संगठन है, इसका गठन तीन विवादास्पद कृषि कानून के मद्देनजर किया गया था। देशभर के किसानों ने नवंबर 2020 और दिसंबर 2021 के बीच में राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने लंबा आंदोलन किया था, जिसके बाद केंद्र सरकार को विवादित कृषि कानून वापस लेना पड़ा था। वहीं अब किसान आंदोलन 2.0 या फिर किसान के वर्तमान 'दिल्ली चलो मार्च' आंदोलन का नेतृत्व एक नया समूह कर रहा है।
टिकैत ने बुलाई पंचायत
वहीं दूसरी तरफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली में बीकेयू टिकैत गुट के नेताओं और कार्यकर्ताओं की पंचायत बिठाई गई है। अधिक जानकारी के लिए बता दें कि राकेश टिकैत ने यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के नेताओं को किसान आंदोलन 2.0 पर रणनीति बनाने के लिए 17 फरवरी को बुलाए गए पंचायत में शामिल होने का आग्रह किया है।




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