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सप्ताह के पहले दिन यानि रविवार के व्रत का विशेष महत्व है. इस दिन सूर्य देव का व्रत रखा जाता है, उनकी पूजा की जाती है और मंत्रों का जाप किया जाता है.
पूजन विधि
रविवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके स्वच्छ लाल वस्त्र धारण करें. सबसे पहले एक बर्तन में पानी, चंदन, चावल अक्षत और लाल फूल डालकर सूर्य देव को अर्ध्य दें. इस व्रत को शुरू करने से पहले सूर्य देव का स्मरण करें और संकल्प लें कि हे सूर्य देव, मैं आने वाले 12 या 30 रविवार का व्रत रखने का संकल्प लेता हूं, इसलिए मेरे इस व्रत की पूजा को स्वीकार करो. इसके बाद आप अपना व्रत शुरू करें. सबसे पहले सूर्य को जल, कुमकुम, चंदन के फूल से छिड़क कर स्नान कराएं. इसके बाद सूर्य देव को कुछ मौसमी फल चढ़ाएं. सूर्य देव का स्मरण करते हुए इस मंत्र का 12 या 5 या 3 माला जप करें, ह्रां ह्रुं सूर्याय नमः रविवार व्रत कथा सुनें और आरती करें. शाम को एक बार फिर सूर्यास्त के समय बर्तन में जल, चंदन, अक्षत और लाल फूल डालकर सूर्य देव को जल अर्पित करें.
रविवार को ना करें ये कार्य
1. रविवार के दिन सूर्य पूजन किया जाता है इसीलिए कोई भी चूक न हो इसका विशेष ध्यान रखें तेल नमक मांस या मदिरा का सेवन ना करें.
2. इस दिन बाल ना कटाएं और तेल की मालिश भी ना करें
3. खरीदारी पर भी विशेष ध्यान रखें तांबे की धातु से बनी कोई भी वस्तु ना खरीदें और ना ही किसी को बेचें
4. कपड़ों के रंगों का चुनाव इस दिन सही होना चाहिए. जैसे नीला, काला और ग्रे रंग के कपड़े ना पहने. हो सके तो जूते पहनने से भी बचें
5. दूध का प्रयोग करें तो याद रहे कि ऐसा कोई कार्य न करें जिसमें दूध जलने की संभावना हो




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