शनि देव की फलदायक पूजा विधि, भगवान होंगे प्रसन्न

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनका शनिवार के दिन कोई न कोई नुकसान होता है. वो कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन हमेशा शनि उनपर भारी रहता है. अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा ही होता है, तो आपको शनि को शांत करने के लिए कुछ उपाय करने के साथ विशेष पूजन विधि से शनिदेव को प्रसन

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बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनका शनिवार के दिन कोई न कोई नुकसान होता है. वो कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन हमेशा शनि उनपर भारी रहता है. अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा ही होता है, तो आपको शनि को शांत करने के लिए कुछ उपाय करने के साथ विशेष पूजन विधि से शनिदेव को प्रसन्न करने का प्रयास करना चाहिए.

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शनिवार की पूजन विधि 

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहा धोकर और साफ कपड़े पहनकर पीपल के वृक्ष पर जल अर्पण करें. लोहे से बनी शनि देवता की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं. फिर मूर्ति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें. इसके बाद काले तिल, फूल, धूप, काला वस्त्र व तेल आदि से पूजा करें. पूजन के दौरान शनि के दस नामों का उच्चारण करें- कोणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि, यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर. पूजन के बाद पीपल के वृक्ष के तने पर सूत के धागे से सात परिक्रमा करें. इसके बाद शनिदेव का मंत्र पढ़ते हुए प्रार्थना करें. शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे. केतवेअथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भव

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शनिवार को ये काम न करें

आपको अगर शनि की विशेष कृपा पानी है, तो आपको शनिवार पर कुछ काम करने से बचना चाहिए, जैसे अगर आप नाखून या बाल काटते हैं, तो शनिदेव आपसे नाराज हो सकते हैं. इस दिन आपको जितना हो सके, उतना दान करना चाहिए।आप मंदिर के अलावा किसी जरुरतमंद व्यक्ति आदि को जरुरत का सामान दान कर सकते हैं. शनिदेव को जानवरों से विशेष लगाव है. शनि को खुश रखने के लिए आपको जानवरों पर अत्याचार नहीं करना चाहिए. साथ ही कुत्तों, गाय, बकरी आदि पशु-पक्षियों को रोटी खिलानी चाहिए. शनिवार को लोहे को घर में लाना वर्जित माना जाता है, अगर आप घर में कोई लोहे का सामान लाने का मन बना रहे हैं, तो आपको इससे बचना चाहिए.

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