आपकी कुंडली में साथ है सूर्य और शनि, तो पिता-पुत्र के रिश्तों में पड़ेगी दरार

घर में बड़ों के आशीर्वाद से जिस तरह से परिवार खुश रहता है, उससे कहीं ज्यादा पितरो के आशीर्वाद से घर में समृद्धि बनी रहती है। यदि आपके पूर्वज आपसे नाराज हो जाते हैं, तो कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का दर्द झेलना पड़ता है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
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घर में बड़ों के आशीर्वाद से जिस तरह से परिवार खुश रहता है, उससे कहीं ज्यादा पितरो के आशीर्वाद से घर में समृद्धि बनी रहती है। यदि आपके पूर्वज आपसे नाराज हो जाते हैं, तो कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का दर्द झेलना पड़ता है। यदि कुंडली में पितृ दोष हो जाए, तो व्यक्ति को जीवन में कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, बनते हुए काम भी बिगड़ने लग जाते हैं, बिजनेस हो या फिर नौकरी हर तरफ हानि का सामना करना पड़ता है। यदि आपके घर में भी बार-बार क्लेश हो रहा है, एक ही घर में रहते हुए भी अनबन हो रही है, संतान सुख नहीं मिल रहा है तो यह सारे संकेत पितृ दोष के होते हैं।

कब लगता है पितृ दोष

बता दें कि, कुंडली के अनुसार जब सूर्य और शनि एक साथ बैठे होते हैं तो दोनों में टकराव होता है ऐसे में पितृ दोष लग जाता है। इतना ही नहीं वर्तमान समय में सूर्य और शनि एक साथ बैठे हैं तो पिता और पुत्र का टकराव होता है। 

पितृ दोष से कैसे मिलेगी मुक्ति

यदि आप लंबे समय से पितृ दोष से परेशान है और आपको मुक्ति चाहिए, तो आपको पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहिए। आप गीता, गायत्री और गंगा स्नान से पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं। इसके अलावा पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या के दिन गंगा स्नान किया जाता है। राशि के अनुसार, जो गीता का अध्ययन करता है उसे भी लाभ मिलता है।

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