कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को करेगा.
बॉलीवुड अदाकारा कंगना रनौत गीतकार जावेद अख्तर द्वारा उनके खिलाफ दायर एक आपराधिक मानहानि शिकायत के सिलसिले में सोमवार को मुंबई की एक अदालत में पेश हुईं और कहा कि उनका मजिस्ट्रेट की अदालत में "विश्वास खो गया" था क्योंकि इसने परोक्ष रूप से उन्हें वारंट जारी करने की "धमकी" दी थी. वह जमानती अपराध में उसके समक्ष पेश होने में विफल रही. रनौत ने कथित तौर पर "जबरन वसूली और आपराधिक धमकी" के लिए श्री अख्तर के खिलाफ अदालत में एक काउंटर शिकायत भी दायर की, और उनके वकील ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, जिसमें शिकायत की सुनवाई किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी.
अदालत ने पिछले हफ्ते कहा था कि अगर वह 20 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश होने में विफल रहती है तो वह रनौत के खिलाफ वारंट जारी करेगी. इस साल फरवरी में उन्हें समन जारी होने के बाद पहली बार रनौत अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आर आर खान के सामने पेश हुए और जमानत की औपचारिकताएं पूरी कीं.
जैसे ही मामला सुनवाई के लिए आया, उसके वकील रिजवान सिद्दीकी ने उस अदालत को बताया कि रनौत इस अदालत (शिकायत के संबंध में) के साथ आगे बढ़ना नहीं चाहता है. श्री सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने "अदालत में विश्वास खो दिया है क्योंकि यह पक्षपाती लगता है." वकील ने दावा किया कि अदालत ने अप्रत्यक्ष रूप से उसे गैर-संज्ञेय, कंपाउंडेबल और जमानती अपराध में दो मौकों पर वारंट जारी करने की "धमकी" दी है, जहां कानून के अनुसार नियमित उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि रनौत को बिना किसी कारण या कारण के अदालत में बुलाया गया है. उन्होंने आगे कहा कि आज तक, ऐसा कोई आदेश नहीं है कि उन्हें जमानती, असंज्ञेय और कंपाउंडेबल अपराध के लिए नियमित रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता क्यों है.
श्री अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने शिकायत को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने के लिए रनौत की याचिका को "बेहद विचित्र" करार दिया. उन्होंने कहा, "उन्होंने हमें न तो कोई नोटिस दिया है और न ही (स्थानांतरण) आवेदन की प्रति दी है." कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को करेगा. इस महीने की शुरुआत में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने राणावत द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें श्री अख्तर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत पर स्थानीय अदालत द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी.
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे ने आदेश में कहा था कि कार्यवाही शुरू करने के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश में कोई प्रक्रियात्मक अवैधता या अनियमितता नहीं है. श्री अख्तर (76) ने पिछले साल नवंबर में अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया था कि रनौत ने एक टेलीविजन साक्षात्कार में उनके खिलाफ अपमानजनक बयान दिया था, जिससे कथित तौर पर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा था. अपनी शिकायत में, श्री अख्तर ने दावा किया कि पिछले साल जून में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत द्वारा की गई कथित आत्महत्या के बाद, रनौत ने बॉलीवुड में मौजूद एक 'कोटरी' का जिक्र करते हुए एक साक्षात्कार के दौरान उनका नाम घसीटा.
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