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प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी आज पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर उत्तर
प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा
बहुउद्देशीय नदी परियोजना की आधारशिला रखेंगे। यह योजना देश की पहली नदी जोड़ो
परियोजना होगी। इस परियोजना के माध्यम से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों
राज्यों के कई जिलों को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी।
इस योजना से क्षेत्र के लोगों को कई लाभ
प्राप्त होगें जैसे- आस-पास के क्षेत्रों को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी और साथ
ही जलविधुत परियोजनाएं हरित ऊर्जा में 100mw से अधिक का योगदान देंगी। औघोगिक विकास
होगा, बेहतर जल प्रबंधन एंव रोजगार को बढ़वा मिलेगा। इस परियोजना को मार्च
2030 तक पूर्ण करने का टारगेट रखा गया है। हालकिं इसके लिए अभी जमीन अधिग्रहण,पर्यावरण
विभाग से मंजूरी लेने का कार्य चल रहा हैं।
इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री
मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और केंद्रीय जल शक्ति
मंत्री सी.आर पाटिल भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। पीएम मोदी 12:10 पर खजुराहो
आएंगे और दोपहर 2:20 पर दिल्ली के लिए रवाना होगों।
प्रधानमंत्री द्वारा इस परियोजना शिलान्यास के
साथ ही वाजपेयी का नदी जोड़ो का सपना पूर्ण होगा। इस परियोजना से मध्य प्रदेश के
10 जिलों छतरपुर,पन्ना,निवाड़ी,रायसेम,विदिशा
दमोह,शिवपुरी और सागर में 8लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की
सुविधा मिलेगी।
इस परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59000
हेक्टेयर में साल भार सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी और 1.92 लाख हेक्ट्यर में मौजूदा
सिंचाई का स्थिरीकरण किया जाऐगा। इससे उत्तर प्रदेश के महोबा,झासी, ललितपुर,
और
बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश की 21
लाख और मध्य प्रदेश की 44 लाख जनसंख्या को पेयजल की सुविधा मिलेगी।
Pm मोदी खण्वा जिले के ओंकारेश्र्वर में स्थापित
प्लोटिंग सौर परियोजना लोकार्पण करेंगे जिस का प्रथम चरण बिजली उत्पादन अक्टूबर
प्रारंभ हो गया है। दूसरे चरण की 240Mw क्षमता के लिए MPPSCA से
सहमति विकासक “सतलुज जल विधुत निगम लिमिटेड” से अनुबंध हस्ताक्षरित किया जाना है।
नर्मदा के ऊपर ओंकारेश्र्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का लक्ष्य उत्तर प्रदेश की
ऊर्जा को आत्मनिर्भर और ग्रीन हाउस के प्रति सरकार के प्रयासों को पूर्ण करना है।
PM मोदी मध्यप्रदेश में 1153 अटल ग्राम सुशासन
भवनों का भूमि—पूजन और प्रथम किश्त का वितरण भी करेगें। 23000 ग्राम पंचायतों से
जीर्ण-शीर्ण भवन एंव अनुपयोगी 2500 ग्राम पंचायचों को नया बनाने की स्वीकृति दी
गई। प्रथम चरण के 1153 नये भवनों के निर्माण के लिए 437.62 करोड़ रुपये की स्वीकृत
दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री का मत था कि पंचायत भवन,ग्राम पंचायत की
सर्वाधिक महत्वपूर्ण अधोसरंचना है। इनका व्यवहारिक, संवहन,संपादन
कार्य में अहम भूमिका होती है। मध्याप्रदेश की सरकार ने सभी ग्राम पंचायतो को नवीन
पंचायत भवन पर क्लस्टर पंचायत भवन की स्वीकृति करने का निर्णय लिया हैं।




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