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पहलगाम को लेकर इस वक्त कई सारे नेता अपने-अपने बयान देते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस लिस्ट में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का नाम शामिल हो गया है। सोमवार के दिन उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि कश्मीरियों ने 1947 में दो राष्ट्र सिद्धांत को पानी में फेंक दिया था। इस बात को उन्होंने साफ कर दिया था कि यह क्षेत्र पाकिस्तान के साथ नहीं जाएगा। नेशनल कांफ्रेस के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने अपनी बात में कहा कि मैं हमेशा पाकिस्तान के साथ बातचीत का पक्षधर रहा, लेकिन अब चाहते हैं कि केंद्र सरकार ऐसी कार्रवाई करे, जिससे इस तरह के हमले फिर कभी न हो।
इसके अलावा पाकिस्तान पर अपना गुस्सा निकालते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हमें अफसोस है कि आज हमारा पड़ोसी भी यह नहीं समझ रहा है कि उसने मानवता की हत्या की है। अगर उन्हें लगता है कि ऐसा करने से हम पाकिस्तान के साथ चले जाएंगे, तो हमें उनकी गलतफहमी दूर कर देनी चाहिए। हम 1947 में उनके साथ नहीं गए थे, तो आज क्यों जाएंगे? हमने उस समय दो राष्ट्र सिद्धांत को पानी में फेंक दिया था। आज हम भी दो राष्ट्र सिद्धांत को मानने को तैयार नहीं हैं। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, हम सब एक हैं…हम उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे।”
22 अप्रैल को हुआ था आतंकी हमला
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फारूक अब्दुल्ला के ये बयान पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद आए हैं, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई। इनमें ज्यादतर पर्यटक थे। यह हमला पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असिम मनीर के दो-राष्ट्र सिद्धांत पर दिए गए बयान के कुछ दिन बाद हुआ था।




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