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हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। इस हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसके तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में घुसकर कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। यह कार्रवाई चार दिन तक चली और इसके बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी।
जहां एक ओर भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख दिखाया, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने हमले से कुछ दिन पहले एक विवादित और विभाजनकारी बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारत और हिंदुओं के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा था, “हमारे पूर्वजों का मानना था कि हम जीवन के हर संभव पहलू में हिंदुओं से अलग हैं...”
जावेद अख्तर का करारा जवाब
इस बयान पर न केवल आम नागरिकों ने नाराजगी जताई, बल्कि देश के प्रसिद्ध गीतकार, लेखक और सामाजिक चिंतक जावेद अख्तर ने भी अपनी भड़ास निकाली। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के साथ एक इंटरव्यू में बोलते हुए जावेद अख्तर ने असीम मुनीर को “असंवेदनशील और इतिहास से अंजान व्यक्ति” करार दिया।
उन्होंने कहा, “कोई भी देश एक जैसा नहीं होता। किसी देश का हर नागरिक एक जैसा नहीं हो सकता। अगर किसी देश की सरकार गलत है, तो सबसे पहले वहां के मासूम नागरिक ही पीड़ित होते हैं। हमारा विरोध उस देश की चरमपंथी सोच, सरकार और सेना से होना चाहिए — आम जनता से नहीं।”
"हिंदुओं को गाली क्यों?"
जावेद अख्तर ने यह भी सवाल उठाया कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख हिंदुओं को निशाना क्यों बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर आपको भारत से शिकायत है तो भारतीयों से सवाल कीजिए, लेकिन हिंदुओं को क्यों गाली दे रहे हैं? पाकिस्तान में भी लाखों हिंदू रहते हैं। क्या आपको अपने ही देश के नागरिकों का सम्मान नहीं करना चाहिए?”
उन्होंने यह भी कहा कि असीम मुनीर जैसे नेता न केवल भारत बल्कि अपने ही मुल्क के बहुसांस्कृतिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रहे हैं। “जिस तरह आप सोचते हैं, उससे पाकिस्तान का भविष्य और भी अंधकारमय हो जाता है,” अख्तर ने कहा।
"अब्दाली तुम्हारा हीरो क्यों?"
बातचीत के दौरान जावेद अख्तर ने पाकिस्तान की मानसिकता पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “आप अपनी मिसाइलों का नाम अब्दाली रखते हैं, जिसने मुसलमानों पर भी हमला किया था। क्या वह आपका हीरो होना चाहिए? आपके देश के असली नायकों को भूलकर आप एक आक्रांता को महान बता रहे हैं। क्या आपको इतिहास की कोई समझ नहीं है?”
"अपने सैनिकों को भी नहीं देते सम्मान"
अख्तर ने एक भावनात्मक किस्सा भी साझा किया, जो कारगिल युद्ध से जुड़ा था। उन्होंने कहा, “जब भारतीय सैनिक शहीद होते हैं, तो पूरा देश उन्हें सलाम करता है, लेकिन कारगिल युद्ध में मारे गए पाकिस्तानी सैनिकों के शवों को उनकी सेना ने पहचानने से भी इनकार कर दिया। बाद में भारतीय सेना ने ही उन्हें सम्मानजनक अंतिम संस्कार दिया। क्या यह सम्मान है अपने सपूतों के लिए?”
अरब देशों ने भी दिखाया पाकिस्तान को आईना
जावेद अख्तर ने यह भी बताया कि पाकिस्तान की विदेश नीति और कट्टरपंथी सोच के कारण अब कई अरब देशों ने पाकिस्तानियों को वीजा देना बंद कर दिया है। उन्होंने तीखे लहजे में कहा, “ये वही स्थिति है जैसे कोई लड़का दिल्ली की सड़कों पर कहे कि वह शाहरुख खान को जानता है, जबकि शाहरुख को ये भी पता नहीं कि वह कौन है।”
जावेद अख्तर की टिप्पणी केवल एक लेखक का बयान नहीं, बल्कि उन करोड़ों भारतीयों की आवाज़ है जो आतंकवाद, कट्टरपंथ और विभाजनकारी सोच के खिलाफ खड़े हैं। भारत ने पहलगाम हमले का जवाब जिस दृढ़ता से दिया, वह दुनिया को एक साफ संदेश देता है — अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह कहीं से भी आए।




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