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एनजीटी का बड़ा एक्शन: संगम विहार की अवैध कॉलोनियों पर सरकार को फटकार, एक हफ्ते में मांगा जवाब

संगम विहार के वन क्षेत्र में बन रही अवैध कॉलोनियों पर एनजीटी ने जताई कड़ी नाराजगी। केंद्र और संबंधित एजेंसियों से एक सप्ताह में मांगा जवाब। क्या अब रुकेगा अतिक्रमण?

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Image Credit: google
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By Shraddha Singh | New Delhi, Delhi | राजनीति - 22 April 2025

दक्षिण दिल्ली के संगम विहार इलाके में वन क्षेत्र के भीतर अवैध रूप से बसाई गई कॉलोनियों को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. पर्यावरण संरक्षण कानूनों के खुले उल्लंघन पर नाराजगी जाहिर करते हुए एनजीटी केंद्र से एक सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है. 

न्यायाधिकरण ने साफ किया है कि वह ऐसे किसी भी निर्माण को कानूनी मान्यता नहीं दे सकता जो वन संरक्षण अधिनियम और अन्य पर्यावरणीय नियमों की अवहेलना करके किया गया हो.

वन क्षेत्र में 22 कॉलोनियां

दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के अनुसार, संगम विहार क्षेत्र में कुल 44 अनधिकृत कॉलोनियां हैं. इनमें से 22 कॉलोनियां सीधे वन क्षेत्र के भीतर स्थित हैं, जबकि बाकी कॉलोनियां आंशिक रूप से जंगल की भूमि पर बनी हैं. गैर-वन क्षेत्र में स्थित 11 कॉलोनियों में से भी केवल 8 में ही सीवर लाइनें डाली गई हैं.

कचरे से गहराया पर्यावरण संकट

इन अवैध कॉलोनियों में ठोस और तरल कचरे के अनियंत्रित प्रबंधन के कारण स्थानीय पर्यावरण पर गंभीर असर पड़ा है. न तो सीवेज के निपटान की समुचित व्यवस्था है और न ही कूड़ा प्रबंधन की कोई ठोस योजना. इससे न केवल वन क्षेत्र को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि आसपास रहने वाली आबादी की सेहत पर भी खतरा मंडरा रहा है.

सरकारें नाकाम, अब NGT ने लिया संज्ञान

NGT ने इस मामले में पर्यावरण मंत्रालय, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिवों और दक्षिण दिल्ली के उप वन संरक्षक को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया है. सभी से 8 अगस्त से एक सप्ताह पहले तक विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है.

जवाबदेही तय होगी या फिर यूं ही चलता रहेगा अतिक्रमण?

NGT का यह सख्त रुख उन हजारों लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन सकता है जो अवैध कॉलोनियों और पर्यावरणीय अराजकता के बीच फंसे हुए हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकारें समय रहते ठोस कदम उठाएंगी, या फिर जंगलों पर अतिक्रमण का यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा.

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