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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का खौफ अभी उतरा भी नहीं था कि भारतीय सेना ने पलटवार में पाकिस्तान के अंदर चल रहे कई आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल स्ट्राइक अंजाम दी। इस तीव्र और योजनाबद्ध कार्रवाई का नाम रखा गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’, जिसे भारतीय थल सेना और वायुसेना ने मिलकर अंजाम दिया।
ऑपरेशन सिंदूर: तेज, सटीक और निर्णायक
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नौ ठिकानों पर हमला
भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान में कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जहां आतंकी प्रशिक्षण शिविर, लॉजिस्टिक्स हब और लॉन्च पैड स्थित थे। हर गोला-बारूद और इन्फ्रा पर खत्म करने वाले सटीक इंटेलिजेंस ने मिशन को कम समय में सफल बनाया। -
हवाई और जमीनी समन्वय
वायुसेना के तेजस और मिराज लड़ाकू विमानों ने पहला प्रहार मिसाइलों से किया, जबकि जमीन से तोपखाने ने समर्थन फायर तैयार रखा।
प्रतिकार में पाकिस्तान की आर्टिलरी फायरिंग
स्ट्राइक के तुरंत बाद पाकिस्तान आर्मी ने LOC पार और इंटरनेशनल बॉर्डर पार से मोर्टार और आर्टिलरी से जवाबी कार्रवाई की। इस गोलाबारी में तीन भारतीय सिविलियंस की दर्दनाक मौत हो गई और कुछ नागरिक घायल हुए।
S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का कर्तव्य निर्वाह
तबादला-बदलाव वाले सुरक्षा माहौल में भारत ने अपने सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम S-400 (SA-21 Growler) को एक्टिव कर दिया:
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लॉन्च क्षमता: एक ही बैटरी से एक बार में 72 मिसाइलें दागी जा सकती हैं।
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रेंज: 40 से 400 किमी तक, जिससे दुश्मन के एडवांस्ड फाइटर जेट, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें भी ट्रैक और नष्ट हो सकती हैं।
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रडार कवरेज: पोर्टेबल रडार ने 600 किमी भीतर तक 300 टारगेट एक साथ ट्रैक किए।
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परिस्थिति सहनशीलता: –50°C से +70°C तक कार्यशील, ऊँचे एटीट्यूड और कठिन मौसम में भी काम करने में सक्षम।
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मिसाइल वेराइटी: 40, 100, 200 और 400 किमी रेंज की चार मिसाइल टाइप्स से लैस।
एस-400 की तैनाती से अब पाकिस्तान की गज़नवी, शाहीन-1, एनएसआर बैलिस्टिक मिसाइलें और F-16 लड़ाकू विमान तक एयर स्पेस में प्रवेश से पहले ही निशाने पर रहेंगे।
रणनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव
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न्यूनतम नागरिक हताहत
तय सटीकता ने यह सुनिश्चित किया कि केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया जाए, जिससे पाकिस्तान-अंदर सिविलियनों की क्षति न्यूनतम रही। इससे भारत की मानवाधिकार सराहना भी भावनात्मक रूप से प्रबल हुई। -
द्विपक्षीय तनाव
पाकिस्तान ने एलओसी पार जवाबी फायरिंग को “भारत का दोषी प्रचार” करार दिया, जबकि भारत ने कहा कि यह आत्मरक्षा का अधिकार है। दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों में कूटनीतिक टेस्टा भेजे गए हैं। -
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका और रूस ने दोनों ही पक्षों से संयम बरतने और दीर्घकालिक तनाव से बचने की अपील की है। यूएन सुरक्षा परिषद में भी इस मुद्दे को अनौपचारिक तौर पर उठाया गया।
भविष्य की चुनौतियाँ
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रोहिंग्या और अफगानिस्तान से आतंकी बहाव — सीमापार आतंकवाद को रोकने के लिए इंटेल जुटानी होगी।
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बीएमडी नेटवर्क — S-400 के बाद अगला कदम भारत के अपने बादलों में मिसाइल शूटडाउन डेमो दिखाने का हो सकता है।
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आर्थिक प्रकोप — रक्षा खर्च बढ़ने से सामाजिक योजनाओं पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन सुरक्षा सर्वोपरि है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न केवल आतंकियों को भटकाया, बल्कि भारत की जवाबी कार्रवाई की तत्परता, तकनीकी कौशल और रणनीतिक गहराई को भी प्रदर्शित किया। S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सक्रियता ने यह सुनिश्चित किया कि अगली बार कोई मिसाइल भारत की हवाई सीमाओं को भी लांघ न सके।
यह अभियान हमें याद दिलाता है कि आधुनिक युद्ध में सिर्फ हथियार नहीं, बल्कि इंटेलिजेंस, रडार और एयर डिफेंस सिस्टम भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं।




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