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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। इसी बीच पाकिस्तान ने शुक्रवार (2 अप्रैल) को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह इस मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में उठा सकता है और यदि जरूरत पड़ी तो उचित समय पर परिषद की बैठक बुलाने का अधिकार भी रखता है।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने न्यूयॉर्क में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, “हम देख रहे हैं कि यह सब कुछ जम्मू-कश्मीर की स्थिति की पृष्ठभूमि में हो रहा है।"
UNSC में बैठक बुलाने की चेतावनी
अहमद से यह सवाल पूछा गया था कि क्या पाकिस्तान भारत के साथ तनाव बढ़ने पर UNSC की बैठक बुलाने की योजना बना रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ऐसा करने का अधिकार है और वे इस विकल्प पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "यहां स्पष्ट है कि यह एक घटना थी, लेकिन अब जो स्थिति उत्पन्न हो गई है, वह क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए वास्तविक खतरा बन चुकी है। ऐसे में सुरक्षा परिषद को इस पर ध्यान देना चाहिए और पाकिस्तान समेत किसी भी सदस्य देश को इस मसले पर चर्चा की मांग करने का पूरा अधिकार है।”
जुलाई में UNSC की अध्यक्षता करेगा पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी (non-permanent) सदस्य है और जुलाई 2025 में परिषद की अध्यक्षता करेगा। इसका मतलब यह है कि जुलाई में पाकिस्तान के पास एजेंडा तय करने और बैठक बुलाने जैसी शक्तियां होंगी।
अहमद ने आगे कहा कि पाकिस्तान इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों से संपर्क में है। "हमने पिछले महीने के अध्यक्ष और इस महीने के अध्यक्ष से इस मुद्दे पर चर्चा की है। हम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और जब हमें उचित लगेगा, हम बैठक बुलाएंगे।”
पहलगाम में हुआ था बड़ा हमला
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए आतंकियों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया है।
इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं करेगा, जबकि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को ‘शांति समर्थक’ और कश्मीर का कथित हितैषी बताने की कोशिश कर रहा है।
भारत की तरफ से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं
इस पूरे घटनाक्रम पर अभी तक भारत की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन भारतीय कूटनीतिक हलकों का मानना है कि पाकिस्तान यह कदम केवल अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने और खुद को पीड़ित दिखाने के मकसद से उठा रहा है।
पाकिस्तान का यह बयान न केवल क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित कर सकता है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र की भूमिका और प्राथमिकताओं पर भी सवाल खड़े करता है। अब देखना होगा कि आने वाले हफ्तों में भारत की प्रतिक्रिया क्या होती है और क्या पाकिस्तान वाकई UNSC में इस मुद्दे को औपचारिक रूप से उठाता है।
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