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भारत से नफरत क्यों करते हैं शाहिद अफरीदी? 22 साल पुरानी एक घटना के पीछे है असली वजह
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाया है, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तानी नेताओं और पूर्व क्रिकेटरों की ओर से भारत के खिलाफ उग्र और भड़काऊ बयानबाजी सामने आ रही है। इन्हीं में से एक नाम है पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी का, जिन्होंने एक बार फिर भारत पर आरोप लगाते हुए बयान दिया कि "भारत खुद आतंकवाद को बढ़ावा देता है, लेकिन इल्ज़ाम पाकिस्तान पर लगाता है।"
हालाँकि यह कोई पहली बार नहीं है जब अफरीदी ने भारत के खिलाफ विवादित बयान दिया हो। दरअसल, शाहिद अफरीदी की भारत से नफरत की जड़ें बहुत गहरी और व्यक्तिगत मानी जाती हैं, और इसकी शुरुआत साल 2003 में हुई एक घटना से जुड़ी मानी जाती है।
क्या है 2003 की वह घटना?
साल 2003 में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक मुठभेड़ के दौरान BSF (Border Security Force) के जवानों ने एक आतंकवादी शाकिब को मार गिराया था। बाद में जांच में सामने आया कि वह आतंकवादी हरकत-उल-अंसार जैसे खतरनाक आतंकी संगठन का बटालियन कमांडर था, और उसके सीधे संपर्क हाफिज सईद जैसे आतंकियों से थे।
इस मारे गए आतंकवादी शाकिब को लेकर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया था कि उसका संबंध पाकिस्तान के क्रिकेट स्टार शाहिद अफरीदी से है। कहा गया कि वह अफरीदी का भाई या नज़दीकी रिश्तेदार था, और इसी कारण अफरीदी भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलते आए हैं।
शाहिद अफरीदी ने झाड़ा पल्ला, लेकिन सवाल अब भी कायम
जब इस संबंध में अफरीदी से सवाल किया गया, तो उन्होंने पूरी तरह पल्ला झाड़ते हुए कहा कि "पाकिस्तान में पठानों का परिवार बहुत फैला हुआ है, और वे अपने कई चचेरे भाइयों को पहचानते तक नहीं हैं।" उन्होंने शाकिब नाम के किसी भी व्यक्ति को जानने से इनकार कर दिया।
हालाँकि, सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद दस्तावेज़ों और स्थानीय इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स कुछ और ही कहानी बयां करती हैं। इससे यह संदेह गहरा होता है कि अफरीदी की भारत विरोधी मानसिकता सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि व्यक्तिगत दुश्मनी और भावनात्मक कारणों से भी प्रेरित हो सकती है।
बार-बार भड़काऊ बयान क्यों देते हैं अफरीदी?
अफरीदी अक्सर कश्मीर मुद्दे पर बयानबाजी करते हैं और भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगाते हैं। उन्होंने कई बार संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर पर हस्तक्षेप की मांग की है। हाल ही में उन्होंने भारत पर आतंकवाद फैलाने का आरोप भी लगाया, जिससे सोशल मीडिया पर उन्हें तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा।
विशेषज्ञों का मानना है कि अफरीदी अब क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद भी राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं और भारत विरोध उनका मुख्य हथियार बन गया है।




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