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सूत्रों के मुताबिक, इस सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है और इसे दिल्ली भेजा जा चुका है। सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री धर्मपाल सिंह सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया, जहां जिलाध्यक्षों की फाइनल लिस्ट तैयार की गई।
मंगलवार को दिल्ली में राष्ट्रीय महामंत्री और यूपी के केंद्रीय चुनाव प्रेक्षक विनोद तावड़े की बैठक के बाद राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष से चर्चा के उपरांत इस सूची को कभी भी जारी किया जा सकता है।
क्यों हो रही थी देरी?
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश को 98 जिलों में विभाजित किया है। 80 जिलों में नए जिलाध्यक्षों के नाम पहले ही फाइनल हो चुके थे, लेकिन 15-20 जिलों में उम्मीदवारों के चयन को लेकर पेंच फंसा हुआ था। विशेष रूप से पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों में कई दावेदार होने के कारण सूची जारी करने में देर हो रही थी।
कब आएगी सूची?
पहले यह सूची 20 जनवरी तक जारी होनी थी, लेकिन दिल्ली चुनाव के चलते इसे टाल दिया गया। अब दिल्ली चुनाव परिणाम आने के बाद और विवादित सीटों का मामला सुलझने के बाद सूची जारी होने की पूरी संभावना है। सूची जारी होने के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो सकती है।




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