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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार, 18 मार्च को लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य कर विभाग की समीक्षा की। इस बैठक में प्रदेश के राजस्व संग्रह, GST प्रणाली, व्यापारियों के कल्याण और विभागीय सुधारों को लेकर कई अहम फैसले लिए गए।
सर्वाधिक टैक्स देने वालों को मिलेगा सम्मान
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि यूपी के सभी जिलों में सर्वाधिक टैक्स देने वाले लोगों को विभाग द्वारा सम्मानित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम प्रदेश, जोन, मंडल और जिला स्तर पर आयोजित किए जाने चाहिए ताकि अधिक से अधिक व्यापारी टैक्स भुगतान के प्रति जागरूक हों और राजस्व संग्रह में वृद्धि हो।
सीएम ने यह भी कहा कि राज्य कर विभाग के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए और पर्याप्त मैनपावर सुनिश्चित की जाए ताकि व्यापारियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
GST कर प्रणाली को लेकर अहम निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि GST प्रणाली पूरी तरह ऑनलाइन होने के कारण डेटा विश्लेषण के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। ऐसे में IT टूल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करते हुए राजस्व संग्रह को और बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएं।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि वाणिज्य कर अधिकारी से लेकर ज्वाइंट कमिश्नर स्तर तक के अधिकारियों के कार्यों की नियमित समीक्षा की जाए। राजस्व संग्रह में किसी भी प्रकार की अनियमितता की जांच की जाए और उसे दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
अधिकारियों की ग्रेडिंग होगी प्रदर्शन के आधार पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों की ग्रेडिंग उनके प्रदर्शन के आधार पर की जाए। इस ग्रेडिंग का उपयोग पदोन्नति और पोस्टिंग में किया जाएगा ताकि बेहतर काम करने वाले अधिकारियों को उचित मान्यता मिल सके।
व्यापारियों के लिए 10 लाख तक की सहायता राशि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि GST में पंजीकृत व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यापारी की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है या वह आंशिक/पूर्ण विकलांगता का शिकार हो जाता है, तो उनके नॉमिनी/उत्तराधिकारी को ₹10 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस योजना का लाभ पात्र व्यापारियों और उनके परिजनों को संवेदनशीलता के साथ दिया जाए, ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो।
GST पंजीकरण में उत्तर प्रदेश सबसे आगे
सीएम योगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में GST में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या देश में सर्वाधिक है।
- 2023-24 में प्रदेश में 17.2 लाख GST पंजीकृत व्यापारी सक्रिय थे।
- 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 19.9 लाख हो चुकी है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि GST पंजीकरण के आधार को और अधिक व्यापक बनाया जाए ताकि अधिक से अधिक व्यापारी औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन सकें।
GST रिटर्न दाखिल करना व्यापारियों का कर्तव्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि GST रिटर्न दाखिल करना हर व्यापारी की जिम्मेदारी है। यह प्रदेश के राजस्व संग्रह को मजबूत करता है और उत्तर प्रदेश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है।
उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि उत्तर प्रदेश GST रिटर्न दाखिल करने में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। उन्होंने निर्देश दिया कि व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि इसमें और सुधार हो सके।
2025-26 के लिए ₹1.75 लाख करोड़ का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वर्ष 2025-26 के लिए ₹1.75 लाख करोड़ के राजस्व संग्रह लक्ष्य को मिशन मोड में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में GST और VAT संग्रह में लगातार वृद्धि हो रही है और इस रफ्तार को बनाए रखने के लिए सभी विभागीय अधिकारियों को प्रभावी रणनीति अपनानी होगी।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक में लिए गए ये फैसले व्यापारियों और राजस्व संग्रह प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाएंगे। यूपी सरकार व्यापारियों के कल्याण और कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इन नई नीतियों से न सिर्फ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि व्यापारी भी जागरूक होकर कर अदायगी में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
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