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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को और अधिक मजबूत, पारदर्शी और प्रभावशाली बनाने के लिए 179.42 करोड़ रुपये की भारी-भरकम धनराशि स्वीकृत की है। यह राशि उठाई, धराई, भंडारण, अंतर्राज्यीय परिवहन और वितरण व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए स्वीकृत की गई है। इस निर्णय से खाद्य एवं रसद विभाग की कार्यक्षमता को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
गरीबों तक पहुंचा रहे हैं पोषण और सुरक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की सरकार यह सुनिश्चित करने में लगी है कि कोई भी जरूरतमंद खाली पेट न सोए। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत हर पात्र लाभार्थी को चिन्हित कर राशन कार्ड जारी किए जा रहे हैं। अब तक उत्तर प्रदेश में 3.16 करोड़ से अधिक पात्र गृहस्थी राशन कार्ड और 40.73 लाख से अधिक अंत्योदय राशन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। अंत्योदय कार्डधारियों की कुल संख्या 1.29 करोड़ से अधिक है, जो यह दिखाता है कि सरकार अंतिम पंक्ति तक राहत पहुंचा रही है।
योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर जरूरतमंद व्यक्ति तक समय पर और पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न पहुंचे। यह बजट वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित किया गया है और इसमें केंद्र और राज्य सरकार का अंशदान 50-50 प्रतिशत रखा गया है।
सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई यह राशि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की रीढ़ माने जाने वाले ढांचों को और मज़बूती देगी, जिनमें भंडारण गोदाम, ट्रांसपोर्टेशन, उचित दर दुकानों तक आपूर्ति और वितरण प्रणाली शामिल हैं।
निगरानी और पारदर्शिता पर विशेष जोर
पूरी योजना की निगरानी खाद्य एवं रसद विभाग के आयुक्त करेंगे, जिन्हें यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि योजना का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी निर्देश दिया है कि पहले से स्वीकृत योजनाओं से कोई दोहराव न हो और प्रत्येक तिमाही में आवश्यकतानुसार बजट आवंटन कर उसका प्रभावी उपयोग किया जाए।
ई-केवाईसी और तकनीकी पारदर्शिता
राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त बनाने के लिए सरकार ने तकनीकी नवाचारों को अपनाया है। अब राशन कार्डधारक देश के किसी भी उचित दर दुकान पर ई-केवाईसी करवा सकते हैं। साथ ही ई-पॉस मशीनों का उपयोग करके राशन सीधे लाभार्थियों को दिया जा रहा है, जिससे फर्जीवाड़ा भी रुक रहा है और गरीबों तक समय पर अनाज पहुंच रहा है।
कितना मिल रहा है राशन?
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पात्र गृहस्थी कार्डधारक: प्रति यूनिट 2 किलो गेहूं और 3 किलो चावल (निःशुल्क)
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अंत्योदय कार्डधारक: प्रति परिवार 14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल (निःशुल्क)
भविष्य की योजना
सरकार की मंशा है कि हर पात्र व्यक्ति को पोषण से भरपूर अनाज समय पर मिले और कोई भी भूखा न रहे। इसके लिए भविष्य में वितरण प्रणाली को डिजिटल तकनीक से और अधिक सक्षम किया जाएगा, जिससे हर नागरिक को उसका अधिकार सुलभ रूप से मिल सके।




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