दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित पहले खो-खो वर्ल्ड कप में भारतीय महिला और पुरुष टीम ने ख़िताब जीतकर इतिहास रच दिया है।
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खो-खो का पहला वर्ल्ड कप दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में खेला गया. इस टूर्नामेंट में भारतीय महिला और पुरुष दोनों टीम की ओर से दमदार खेल देखने को मिला. भारतीय महिला टीम ने नेपाल को हराकर खिताब अपने नाम किया, और भारत की पुरुष टीम ने भी ऐतिहासिक प्रदर्शन किया. पुरुष खो-खो वर्ल्ड कप का फाइनल मैच भारत और नेपाल की टीमों के बीच खेला गया. टूर्नामेंट का पहला मैच भी इन दोनों टीमों के बीच खेला गया था. तब टीम इंडिया ने बाजी मारी थी. फाइनल में भी ऐसा ही हुआ, भारतीय टीम ने नेपाल को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की.
शुरुवाती पारियों में रहा भारतीय टीम का दबदबा
मेंस फाइनल में नेपाल ने टॉस जीतकर डिफेंस चुना। पहली पारी में भारत ने 26 पॉइंट्स हासिल किए, और नेपाल को एक भी पॉइंट नहीं मिला।भारत नेपाल को एक बार ऑलआउट करने में भी कामयाब रही। भारत ने पहली पारी में 26-0 की बढ़त ली,और दूसरी पारी में नेपाल ने चेज करते हुए 18 पॉइंट्स अपने नाम किये। हाफ टाइम के बाद स्कोर 26-18 से भारत के पक्ष में रहा।
तीसरी पारी में भारत बना खो-खो वर्ल्ड चैंपियन
तीसरी पारी में भारत ने कुल 28 पॉइंट्स अपने नाम किए। नेपाल की टीम 4 मिनट के अंदर ही ऑलआउट हो गई, टीम एक भी ड्रीम रन नहीं बना सकी।चौथे और आखरी टर्न में नेपाल की टीम कुल 18 पॉइंट्स ही ले सकी और भारत ने 54-36 के अंतर से वर्ल्ड कप जीत लिया।
भारतीय विमेंस टीम ने भी चेज से शुरुआत की
नेपाल ने टॉस जीतकर डिफेंस करने का फैसला किया। भारत ने पहली पारी में एकतरफा खेल खेलकर 34 पॉइंट्स हासिल किए। दूसरी पारी में नेपाल ने चेज किया और 24 पॉइंट्स हासिल किये, हाफ टाइम के बाद भारत ने 35-24 के अंतर से बढ़त बनाए रखी।
आखरी पारी में महिला टीम ने रचा इतिहास
चौथी और आखिरी पारी में नेपाल कि टीम 16 ही पॉइंट्स हासिल कर पाई, और 78-40 की स्कोर लाइन के साथ फाइनल खत्म हुआ और भारतीय विमेंस टीम पहले वर्ल्ड कप की चैंपियन बन गई।
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