सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन के नियमों में किया गया बदलाव, जानिए एंट्री के लिए क्या करना होगा

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस महामारी के खतरे को देखते हुए प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में कुछ नियम बनाए हैं जिनका पालन भक्तों के लिए अनिवार्य है।

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महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के खतरे को ध्यान में रखते हुए प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर ने कुछ नियम बनाए हैं जिनका पालन करना हर श्रद्धालु के लिए अनिवार्य है। यदि श्रद्धालु इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें मंदिर में एंट्री की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर को ऑफलाइन श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। यही नहीं सिद्धिविनायक मंदिर जाने वाले भक्तों को 1 मार्च से भगवान गणेश के दर्शन करने के लिए पहले ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। वही मंदिर को प्रबंधन से जुड़ी एक पदाधिकारी ने इस बात के बारे में बयाता कि अगले महीने से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वालों को ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी और  एक घंटे में मंदिर के भीतर 100 श्रद्धालुओं को ही जाने की इजाजत होगी।


सिद्धिविनायक गणपति मंदिर न्यास की मुख्य कार्यकारी प्रिंयका छपवले ने बताया कि वर्तमान में दर्शन के लिए राजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले श्रद्धालुओं को मौके पर क्यूआर कोड दिए जाते है जिससे वे मंदिर में एंट्री कर पाए। वही मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं को एंट्री  पॉइंट पर क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद ही धर्मस्थल में प्रवेश करने की अनुमति देगा। इसके साथ-साथ दर्शन के लिए समय सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक रहेगा।

यदि विज़िटर्स ऑनलाइन बुकिंग करने में विफल रहते हैं तो वे मंदिर परिसर के बाहर स्थित काउंटर पर ऑफलाइन राजिस्ट्रेशन  कर सकते हैं। लेकिन आपको बता दे कि केवल नॅार्मल शरीर के तापमान वाले विज़िटर्स को ही  मंदिर में एंट्री करने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ-साथ  मंदिर अधिकारियों ने कोविड स्ट्रेन को बढ़ने से रोकने के लिए मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखने की अनुमति दी हैं। वही मंदिर ट्रस्ट ने नागरिकों से कहा है कि वे नियमों का पालन करते हुए और सिद्धिविनायक दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग सेवा का उपयोग करके अधिकारियों की मदद करें।


बता दें कि अंगारकी चतुर्थी 2 मार्च के दिन सुबह आठ बजे से नौ बजे के बीच दर्शन की अनुमति होगी। यह एक ऐसा त्योहार है जो भगवान गणेश को समर्पित है जिन्हें हाथी-सूंड देवता द्वारा दिए गए वरदान की याद में मनाया जाता है। पूरे भारत में गणेश मंदिर इस दिन भक्तों से भरे रहते हैं। वही सिद्धिविनायक मंदिर शहर के प्रभादेवी इलाके में स्थित है। जोकि कोविड 19 के चलते पिछले साल कई महीनों  तक मंदिर रहा था। जिसके बाद नवंबर में इसे फिर से खोला गया।


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