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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ऑटो टैरिफ के ऐलान का असर भारतीय शेयर बाजार पर साफ नजर आ रहा है। टाटा मोटर्स के शेयरों में 27 मार्च को शुरुआती कारोबार में ही भारी गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा। कंपनी का शेयर 7% तक गिरकर ₹661 पर आ गया।
टाटा मोटर्स को क्यों लगा बड़ा झटका?
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशों से अमेरिका में आयात होने वाली सभी कारों पर 25% ऑटो टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इस फैसले का सीधा असर टाटा मोटर्स पर पड़ा है, क्योंकि इसकी सब्सिडियरी कंपनी जगुआर लैंड रोवर (JLR) अमेरिका में बड़ी संख्या में कारें बेचती है। जेएलआर की कुल बिक्री का लगभग एक तिहाई हिस्सा अमेरिकी बाजार से आता है। ऐसे में नई टैरिफ नीति के कारण अमेरिकी ग्राहकों के लिए JLR की कारें महंगी हो जाएंगी, जिससे कंपनी की बिक्री पर भारी असर पड़ सकता है।
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी
शेयर बाजार में बीते कुछ दिनों से भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 202.83 अंक चढ़कर 77,491.33 अंक पर पहुंचा, जबकि निफ्टी 48.65 अंक की बढ़त के साथ 23,535.50 अंक पर ट्रेड कर रहा था। हालांकि, बुधवार को सात दिनों से जारी तेजी पर विराम लग गया, और सेंसेक्स 729 अंक गिरकर 77,288.50 पर बंद हुआ।
कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 822.97 अंक तक गिर गया था। एनएसई निफ्टी भी 181.80 अंक लुढ़ककर 23,486.85 पर बंद हुआ। इसके पीछे मुख्य कारण मुनाफावसूली और अमेरिकी टैरिफ नीति को लेकर बाजार में बढ़ती अनिश्चितता रही।
किन कंपनियों के शेयर गिरे?
बाजार में गिरावट के बीच कई दिग्गज कंपनियों के शेयर नुकसान में रहे। इनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:
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एनटीपीसी
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टेक महिंद्रा
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जोमैटो
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एक्सिस बैंक
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बजाज फाइनेंस
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इंफोसिस
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मारुति सुजुकी
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भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
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कोटक महिंद्रा बैंक
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रिलायंस इंडस्ट्रीज
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हिंदुस्तान यूनिलीवर
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एचडीएफसी बैंक
किन कंपनियों के शेयर रहे फायदे में?
कुछ कंपनियों ने बाजार में मजबूती भी दिखाई। इंडसइंड बैंक, एचसीएल टेक, टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा और पावर ग्रिड के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।
बाजार में आगे क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में शेयर बाजार में अमेरिकी टैरिफ नीति, अमेरिकी ब्याज दरों में संभावित बदलाव और विदेशी निवेशकों के रुख का बड़ा असर रहेगा। निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि अमेरिकी बाजार से जुड़े सेक्टर, जैसे IT और ऑटोमोबाइल, पर दबाव बढ़ सकता है।
क्या ट्रंप की यह नीति टाटा मोटर्स और भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए बड़ा संकट साबित होगी? यह आने वाले समय में साफ होगा।




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