Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

Premanand Maharaj: किसी की सेवा पर भी मिलें गाली, तो क्या करें?

प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग में एक आदमी ने जब यह सवाल किया कि मैं किसी की मदद करता हूं तो वह बाद में बदल जाते हैं! ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए. ऐसे में प्रेमानंद जी महाराज ने उस व्यक्ति को क्या कहा आइए जानते हैं।

Advertisement
Instafeed.org

By Priyanka Giri | Faridabad, Haryana | मनोरंजन - 29 October 2025

किसी की सेवा पर भी मिलें गाली, तो क्या करें?

वैसे तो कई संतों की बात लोगों के जीवन में अलग अलग तरीके से प्रकाश डालती है. इन दिनों वृंदावन के प्रेमानंद जी महाराज के विचार लोगों को काफी आकर्षित कर रहे हैं. साथ ही उन्हें सही राह पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं. प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग में एक आदमी ने जब यह सवाल किया कि मैं किसी की मदद करता हूं तो वह बाद में बदल जाते हैं! ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए. ऐसे में प्रेमानंद जी महाराज ने उस व्यक्ति को क्या कहा आइए जानते हैं

हमेशा मन में रखें सेवा का भाव

लोगों की मदद करने से पहले यह जान लें कि जिनकी आप मदद कर रहे हैं. उनमें भगवान का स्वरूप होता है. लोगों के प्रति बस सेवा का भाव रखें यह ना सोचे कि वह इसके प्रति आपको क्या देगा या वह आपके प्रति क्या सोच और विचार रखता है

कभी ना रखें सेवा के बदले अपेक्षा

अगर किसी को पानी पिलाते हैं तो बदले में यह ना सोचे कि वह लौट कर आपको धन्यवाद कहेगा. यदि आप मदद के बदले में ऐसी अपेक्षा नहीं रखते हैं तो वह सच्ची सेवा मानी जाएगी. अगर सामने वाला मदद के बदले में धन्यवाद कहे भी तो आप उससे कहें कि इसमें मेरा क्या धन्यवाद है. प्रभु ने ही जल दिया है आपको प्यास लगी तो मैंने दे दिया. धन्यवाद की कोई जरूरत नहीं, आपको जल मिला बस इतना ही काफी है आप जाइए। सेवा के बदले में यदि चाहत है कि वह आपको धन्यवाद कहें और ऐसा ना हो तो आपको दुख पहुंचेगा. आपकी सोच है कि लोग मेरी दी हुई सेवा का एहसान नहीं मानते. एहसान का अर्थ कि सामने वाला कहे कि ऐसे समय में तुमने मेरी मदद की. यह सेवा करने वाला सुनना चाहे तो. यह सेवा कभी नहीं कहलाएगी. दरअसल भगवान की लीला बड़ी न्यारी है. वह अगर चाहेंगे तो आप लोगों की सेवा नहीं कर पाओगे. वह मदद करना बंद कर देंगे

हम सभी में हैं भगवान विराजमान

सेवा का अर्थ है सामने वाले को सुख पहुंचाना. यह नहीं कि वह सेवा के बदले क्या करेंगे इससे कोई मतलब ना रखें. सेवा का भाव रखें. सेवक केवल सुख देना जानता है. इसलिए अच्छे सेवक बनें. भगवान को अपनी सेवा भाव से खुश रखें. सभी में भगवान विराजमान होता है

कटु वचन सहने वाला कहलाता है महात्मा

वहीं प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि जहां तक कि लोग सेवा के बदले कटु वचन बोल देते हैं भी तो उस पर ध्यान ना दें, इसे सहना सीखें. जो इस कटु व्यवहार को सह गया वह महात्मा कहलाता है और जो टूट गया वह दुरात्मा कहलाता है. प्रेमानंद जी महाराज जी के अनमोल प्रवचन हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं. मानसिक शांति बढ़ती है, रिश्ते मजबूत होते हैं, और हम जीवन की चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर सकते हैं. प्रेमानंद जी महाराज जी के प्रवचन जीवन में शामिल करने से हम न केवल खुद के लिए बल्कि समाज के लिए भी बेहतर इंसान बनाते हैं. क्या आप भी प्रेमानंद जी महाराज जी के प्रवचन से हर रोज़ सुनते हैं हमे कमेंट करके जरूर बताए।

हरी ॐ ! 

Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.