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कांस फिल्म फेस्टिवल में फिर चमकी सत्यजीत रे की क्लासिक फिल्म 'अरण्येर दिन रात्रि', शर्मिला टैगोर ने शेयर किया दिल छू लेने वाला किस्सा
भारतीय सिनेमा के महान फिल्मकार सत्यजीत रे की 1970 में रिलीज़ हुई क्लासिक फिल्म ‘अरण्येर दिन रात्रि’ एक बार फिर सुर्खियों में है। यह फिल्म हाल ही में कांस फिल्म फेस्टिवल 2025 में Cannes Classics सेक्शन के तहत प्रदर्शित की गई। इस मौके पर फिल्म की दो प्रमुख अभिनेत्रियाँ – शर्मिला टैगोर और सिमी ग्रेवाल – भी कांस के रेड कार्पेट पर मौजूद रहीं।
फिल्म में सौमित्र चटर्जी, सुभेंदु चटर्जी, समित भांजा, रबी घोष, शर्मिला टैगोर, काबेरी बोस, सिमी ग्रेवाल और अपर्णा सेन जैसे बेहतरीन कलाकारों ने अभिनय किया था। यह फिल्म चार शहरी युवकों की कहानी है जो जंगल में एक छोटा सा ट्रिप प्लान करते हैं और वहाँ उन्हें अलग-अलग अनुभवों से गुजरना पड़ता है। फिल्म मानवीय संबंधों, समाजिक असमानताओं और आत्ममंथन जैसे विषयों को गहराई से छूती है।
जब शर्मिला टैगोर को मिली फिल्म, और खड़ा हुआ एक बड़ा कंफ्यूजन
कांस में मीडिया से बातचीत के दौरान शर्मिला टैगोर ने फिल्म से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया। उन्होंने द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया को बताया,
“सत्यजीत रे ने मुझसे पूछा, ‘क्या तुम मेरी अगली फिल्म में काम करोगी? मुझे एक महीने के लिए तुम्हारी जरूरत है – मई में।’
मैंने तुरंत हां कह दिया। लेकिन जैसे ही मैंने फोन रखा, मुझे याद आया कि मैंने मई महीने में शक्ति सामंत को भी फिल्म ‘मेरे सपनों की रानी’ के लिए डेट्स दे रखी थीं। उस फिल्म में मेरे साथ राजेश खन्ना थे।”
शर्मिला आगे कहती हैं,
“राजेश खन्ना उस समय बहुत व्यस्त थे, वो लगभग 12 फिल्मों की शूटिंग कर रहे थे और सभी प्रोड्यूसर्स को डेट्स दे चुके थे। मैंने शक्ति जी से माफी मांगी और उन्हें किसी तरह मनाया, ताकि मैं सत्यजीत रे की फिल्म में काम कर सकूं। मैं सत्यजीत रे को मना नहीं कर सकती थी क्योंकि मैंने अपना फिल्मी करियर उनकी ही फिल्म ‘अपूर संसार’ से शुरू किया था।”
जब शर्मिला टैगोर चौकीदार के कमरे में ठहरीं
फिल्म की शूटिंग का अनुभव भी बहुत अनोखा रहा। शर्मिला टैगोर ने बताया कि लोकेशन पर जगह की कमी के चलते सभी कलाकार और क्रू अलग-अलग जगहों पर ठहरे थे।
“सिमी ग्रेवाल और काबेरी बोस एक गांव के बंगले में रुकी थीं। सत्यजीत रे और सौमित्र चटर्जी कहीं और ठहरे थे। मैं, समित भांजा, सुभेंदु चटर्जी और रबी घोष एक और जगह रुके थे – और मैं तो सीधे चौकीदार के कमरे में ठहरी थी।”
उन्होंने आगे कहा,
“कमरे में एक पुराना वॉटर कूलर था और गर्मी इतनी ज्यादा थी कि बर्दाश्त से बाहर थी। हम सुबह 5:30 बजे से 9 बजे तक और फिर शाम को 3 से 6 बजे तक ही शूट करते थे। बाकी समय हम साथ बैठते, बातें करते और एक-दूसरे से घुलते-मिलते। हम सभी बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे। वह एक चुनौतीपूर्ण लेकिन खूबसूरत अनुभव था।”
कांस फिल्म फेस्टिवल में मिला सम्मान
‘अरण्येर दिन रात्रि’ का कांस फिल्म फेस्टिवल में Cannes Classics में चयन होना न सिर्फ भारतीय सिनेमा के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह दर्शाता है कि सत्यजीत रे का सिनेमा आज भी कितना प्रासंगिक और प्रभावशाली है।
शर्मिला टैगोर और सिमी ग्रेवाल दोनों ही इस प्रतिष्ठित मंच पर पहुंचकर बेहद भावुक और गौरवांवित नजर आईं। शर्मिला ने कहा,
“आज भी जब यह फिल्म बड़े पर्दे पर देखती हूं, तो उस दौर की हर एक याद ताज़ा हो जाती है। सत्यजीत रे के साथ काम करना मेरे करियर का सबसे कीमती अनुभव रहा।”
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