Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

The Kashmir Files Review: कश्मीरी-हिंदुओं के दर्द को पर्दे पर ब्यां करती है फिल्म

फिल्म द कश्मीर फाइल्स शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. वहीं यह एक सच्ची त्रासदी पर आधारित फिल्म आपको भावनात्मक रूप से झकझोर कर रख देगी. ऐसे में जानिए किस सच्ची घटना पर इस फिल्म को फिल्माया गया है.

Advertisement
Instafeed.org

By Asna | मनोरंजन - 11 March 2022

अनुपम खेर और मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म द कश्मीर फाइल्स शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. वहीं यह एक सच्ची त्रासदी पर आधारित फिल्म आपको भावनात्मक रूप से झकझोर कर रख देगी. बता दें फिल्म 1990 में कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा को दर्शाती है, जिन्हें आतंकवादियों द्वारा अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया था. फिल्म यह भी बताती है कि यह सिर्फ एक पलायन नहीं बल्कि एक नरसंहार था. फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री हैं. उन्होंने फिल्म में अनुच्छेद 370 को खत्म करने से लेकर कश्मीर के इतिहास और पौराणिक कथाओं के बारे में भी बात की है. आपको बता दें कि करीब 30 साल बाद भी कश्मीरी पंडित आज भी इंसाफ की उम्मीद करते हैं. इस फिल्म ने उनके दर्द और आवाज को सामने लाया है. फिल्म द कश्मीर फाइल्स में दर्शाया गया है कि कैसे राजनीतिक कारणों की वजह से कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को सालों तक दबाया गया.

यह भी पढ़ें:Petrol Diesel Price: एक बार फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए क्या है नए रेट ?

कुछ ऐसी है फिल्म की कहानी

फिल्म 1990 से शुरू होती है और चालू वर्ष तक पहुंचती है. दिल्ली निवासी कृष्णा (दर्शन कुमार) अपने दादा पुष्कर नाथ पंडित (अनुपम खेर) की अंतिम इच्छा पूरी करने श्रीनगर आता है. कश्मीर के अतीत से अनजान, वह अपने परिवार के बारे में सच्चाई जानने के लिए निकल पड़ता है. यहां उसकी मुलाकात अपने दादा के चार दोस्तों से होती है. धीरे-धीरे उनके बीच कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार की चर्चा शुरू होती है और कहानी 1990 तक पहुंचती है.

यह भी पढ़ें:Indian Railway IRCTC: रेल यात्रियों के लिए गुड न्यूज, 2 साल बाद शुरू हुआ ट्रेनों का परिचालन

जिसमें दिखाया गया था कि कैसे आतंकवादी कश्मीर की सड़कों पर बंदूक लेकर घूमते हैं और कश्मीरी पंडितों को ढूंढते और मारते हैं. वे किसी को नहीं छोड़ते. फिल्म में कश्मीरी पंडितों के खिलाफ होने वाली सारी हिंसा को दिखाया गया है. यह राज्य के अपंग प्रशासन के सामने सभी को असहाय भी दिखाता है. अनुपम खेर ने एक बार फिर अपनी परफॉर्मेंस से सभी का दिल जीत लिया. वहीं मिथुन चक्रवर्ती ने बेहतरीन काम किया है. इनके अलावा फिल्म में दर्शन कुमार, पल्लवी जोशी, प्रकाश बेलावडी, पुनीत इस्सर, अतुल श्रीवास्तव, चिन्मय मंडलेकर, भाषा सुंबली भी हैं.

Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.