104 वर्षीय बुजुर्ग ने दूसरी बार कोरोना को दी मात, अस्पताल कर्मियों ने बढ़ाया उत्साह

104 वर्षीय बुजुर्ग महिला आईसीयू में तीन सप्ताह तक कोरोना वायरस से जूझते हुए एक बार फिर ठीक हो गई. महिला ने पहली बार पिछले साल जून में कोरोना पर काबू पाया था.

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कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा हैं, हालांकि साफ-साफ कहा गया  है कि वैक्सीन के बाद भी सावधानियां बरतनी हैं. इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को ही है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि मात्र एक साल में दूसरी बार कोरोना संक्रमण को मात देने के बाद हॉस्पिटल के कर्मियों ने 104 वर्षीय महिला का जबरदस्त स्वागत किया. कोलंबिया के एक हॉस्पिटल में उसे डिस्चार्ज किए जाने से पहले डॉक्टर और नर्स कर्मन हरनानडेज का तालियों से उत्साह बढ़ाने के लिए कॉरीडोर में खड़े हो गए. 

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104 वर्षीय बुजुर्ग ने दूसरी बार कोरोना को दी मात

 महिला पहली बार कोरोना वायरस से संक्रमित पिछले साल जून में हुई थी और इलाज के लिए 25 दिन हॉस्पिटल में रहना पड़ा था. लेकिन वैक्सीनेशन के बाद  एक बार फिर 8 मार्च को बुजुर्ग महिला कोरोना वायरस की चपेट में आ गई. इस बार संक्रमण का इलाज कराने के लिए भर्ती होने के बाद उसने हॉस्पिटल के आईसीयू में 21 दिन बिताए.

हॉस्पिटल के स्टाफ ने डिस्चार्ज होने पर तालियों से किया स्वागत

सोमवार को ट्रॉली  बेड पर हवादार प्लास्टिक में ढंकी महिला को हॉस्पिटल  से एंबुलेंस में होम केयर ले जाया गया. इस दौरान पीपीई किट पहने करीब 1 दर्जन स्टाफ ने उसे विदाई दी .होम केयर की एक हेल्थ केयर वर्कर गिना गोमेज ने कहा, महिला पहले ही उत्कृष्ट शारीरिक क्षमता के साथ एक बुजुर्ग मरीज है क्योंकि उसने दोबारा वायरस से संघर्ष किया है. हॉस्पिटल  के डायरेक्टर का कहना था कि मुख्य रुप उसकी काफी आयु के कारण बुजुर्ग मरीज उनके लिए एक उम्मीद है. बताया जा रहा है कि महिला की बेटी की उम्र 70 साल है और उसने पहले स्किन कैंसर का सफलतापूर्वक मुकाबला किया था. 

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हरनानडेज से पहले इन लोगों ने कोविड को दी मात

हरनानडेज कोविड-19 को हराने वाली पहली 100 वर्षीय महिला नहीं है. जनवरी में हिल्दा ब्राउन नामी 109 वर्षीय महिला अपने 110 साल पूरा करने से पहले ठीक हो गई. 108 वर्षीय अन्ना डेल नामी बुजुर्ग महिला ने एक सदी पहले स्पेनिश फ्लू से बचे रहने के बाद पिछले साल कोविड-19 को मात दिया था. ठीक होने के बाद पिछले साल उन्होंने कहा था, मैं अच्छा महसूस कर रही हूं. शुक्र है खुदा का कि मैं जीवित हूं.


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