तूफान मैंडूस ने तमिलनाडु में मचाई तबाही, इस राज्य में ली इंट्री, शुरु हुई तेज बारिश

शुक्रवार देर रात को यह तूफान महाबलिपुरम पहुंचा और यहां भी तबाही मचाई. कुछ इलाकों में 16 सेमी बारिश भी हुई है. चेन्नई में करीब 3 घंटे में 60 से ज्यादा पेड़ गिरए गए हैं. मंदुरथकम, ईसीआर और ओएमआर इलाके में ऐसे ही हालात हैं.

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इस साल सर्दियों के पहले चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ने तमिलनाडु में दस्तक दे दी है. इस तूफान की वजह से कई तटीय जिले प्रभावित हैं. कुछ जगहों पर भीषण तबाही मचाई है. प्रभावित इलाकों में तेज बारिश हो रही है. मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवाती तूफान अभी जारी है, जिसके चलते राज्य में तेज बारिश का दौर फिलहाल एक-दो दिन चलता रहेगा. मौसम विभाग ने मछुआरों से अपील की है कि वे अगले 3-4 दिन समुद्र में न जाएं और तटीय इलाकों से दूरी बनाकर रखें, जिससे वे जान-माल के नुकसान से बचे रहें. 

बारिश ने मचाई तबाही 

शुक्रवार देर रात को यह तूफान महाबलिपुरम पहुंचा और यहां भी तबाही मचाई. कुछ इलाकों में 16 सेमी बारिश भी हुई है. चेन्नई में करीब 3 घंटे में 60 से ज्यादा पेड़ गिर गए हैं. मंदुरथकम, ईसीआर और ओएमआर इलाके में ऐसे ही हालात हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक यह तूफान अब डीप ड्रिपेशन में बदल गया है और इसके लैंडफॉल की प्रक्रिया पूरी हो गई है. चक्रवात मैंडूस तट को पार करते ही कमजोर पड़ने लगा है.

मौसम विभाग ने चेतावनी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के क्षेत्रीय निदेशक एस. बालाचंद्रन ने कहा, यह उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है, इसलिए उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में 55-65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी, जिसके शाम तक घटकर 30-40 किमी प्रति घंटे तक होने के आसार हैं.' उन्होंने आगे कहा कि, चेन्नई और पुडुचेरी के बीच, 1891 से 2021 तक पिछले 130 वर्षों में 12 चक्रवात आ चुके हैं. अगर यह चक्रवात मामल्लपुरम के पास तट को पार करता है, तो चेन्नई और पुडुचेरी के बीच आने वाला 13वां चक्रवात होगा.  

राहत-बचाव कार्य के लिए किए गए इंतजाम 

चक्रवाती तूफान को देखते हुए सरकार ने राहत बचाव कार्य के लिए कई इंतजाम किए हैं. NDRF और SDRF के लगभग 400 कर्मियों को पहले ही कावेरी डेल्टा क्षेत्र समेत तटीय इलाकों में तैनात कर दिया गया है.  पुलिस के मुताबिक, तमिलनाडु SDRF की 40 सदस्यीय टीम के अलावा 16,000 पुलिसकर्मियों और 1,500 होमगार्ड को तैनात किया गया है. इसके अलावा DDRF की 12 टीमों को भी तैयार रखा गया है.

कितना खतरनाक है मैंडूस 

मौसम वैज्ञानिकों को कहना है कि यह तूफान ज्यादा खतरनाक नहीं है  और न ही यह भीषण तबाही मचाने में सक्षम है. दिए गए निर्देशों का पालन किया जाता है तो और तूफान से बचने के लिए उचित सावधानियों को मानने में लोग सरकार का सहयोग करते हैं तो भीषण तबाही से बचा जा सकता है.



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