319 अरब टन का भंडार होने के बावजूद कोयले की कमी, बिजली की संकट से जूझ रहा है देश

भारत के थर्मल पावर प्लांट में 75 फिसदी बिजली कोयले से ही बनती है. यहां तक कि भारत में पहले ट्रेनें भी कोयला से ही चलती थी.

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भारत में कोयले की कमी एक बड़ी समस्या बन गई है. इस मुसीबत का जड़ क्या है और इसके कैसे निपटा जाना चाहिए, ये फिलहाल किसी को नहीं समझ आ रहा है. 

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लगभग 30 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर सिर्फ जंगल हुआ करता था, पर जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया वैसै-वैसे बारिश, बाढ़ के कारण ये जंगल जमीन के अंदर धसते चले गए. यहीं कई सालों के बाद कोयला बना और अब इसकी जरुरतें कम ही नहीं हो रही है. 

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भारत के थर्मल पावर प्लांट में 75 फिसदी बिजली कोयले से ही बनती है. यहां तक कि भारत में पहले ट्रेनें भी कोयला से ही चलती थी. भारत में 319 अरब टन कोयले का भंडार है, जोकि विश्व के छठे सबसे बड़े भंडारों में से एक है. 

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कोयला खपत करने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर काबिज है. और यहीं वजह है कि देश में कोयला का संकट गहराता जा रहा है. 

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