हिंदी उपन्यास को मिला अंतर्राष्ट्रीय बुकर प्राइज, गीतांजलि श्री ने रचा इतिहास

हिंदी की महिला लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास रेत समाधि ने हिंदी को यह सम्मान दिया है. डेज़ी रॉकवेल के उपन्यास सैंड समाधि का सैंड का मकबरा के रूप में अंग्रेजी अनुवाद ने 2022 का अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता है.

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गीतांजलि श्री के हिंदी उपन्यास रेत समाधि ने अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता. यह इतिहास का पहला हिंदी उपन्यास है जिसे यह सम्मान मिला है. सबसे खास बात यह है कि यह सम्मान हिंदी की महिला लेखिका को दिया गया है.

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हिंदी उपन्यास रेत समाधि

आपको बता दें कि, डेज़ी रॉकवेल द्वारा गीतांजलि श्री के उपन्यास रेत समाधि का अंग्रेजी अनुवाद सैंड का मकबरा के रूप में 2022 अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता है. हिंदी में यह उपन्यास राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है. रेत समाधि अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की लंबी सूची और छोटी सूची तक पहुंचने वाली पहली हिंदी कृति है और बुकर पुरस्कार जीतती है. गीतांजलि श्री की रेत समाधि के अलावा बुकर पुरस्कार की लंबी सूची में 13 अन्य कृतियां थीं.

गीतांजलि का पांचवां उपन्यास

मिली जानकारी के अनुसार, गीतांजलि श्री की रेत समाधि उनका पांचवां उपन्यास है. पहला उपन्यास 'माई' है. इसके बाद नब्बे के दशक में उनका उपन्यास 'हमारा शहर हम बरस' आया. यह उपन्यास सांप्रदायिकता पर केंद्रित गंभीर उपन्यासों में से एक है. कुछ साल बाद 'तिरोहित' आई. इस उपन्यास की चर्चा हिंदी में महिला समलैंगिकता पर लिखे गए पहले उपन्यास के रूप में भी हुई है. उनका चौथा उपन्यास ब्लैंक स्पेस है और कुछ साल पहले रंड समाधि प्रकाशित हुआ था.

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