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इंसानों और जानवरों का रिश्ता उतना ही पुराना है, जितनी पुरानी हमारी सभ्यता। आदिकाल से ही इंसान ने जानवरों से ना सिर्फ खाना या सुरक्षा पाई है, बल्कि उनसे जीने का तरीका भी सीखा है। भारतीय संस्कृति में तो जानवरों को देवी-देवताओं के वाहनों के रूप में पूजा जाता है – जैसे नंदी बैल, गरुड़, शेर और हाथी। इस गहरे जुड़ाव को सम्मान देने के लिए हर साल 11 अप्रैल को 'नेशनल पेट डे' के रूप में मनाया जाता है।
आज के समय में पालतू जानवरों में सबसे ज्यादा लोकप्रियता कुत्तों को मिली है। शायद ही कोई ऐसा मोहल्ला या गली हो जहां किसी घर में कुत्ता न पला हो। पहले जहां कुत्ते सिर्फ घर की रखवाली के लिए रखे जाते थे, अब वही कुत्ते परिवार का हिस्सा बन चुके हैं – उन्हें बच्चों की तरह प्यार, अपने साथ बिस्तर और अपने जैसे ही खाने की चीजें दी जाती हैं।
क्या आप जानते हैं, इंसानों ने सबसे पहले किस जानवर को पालतू बनाया?
जब हम पालतू जानवरों की बात करते हैं, तो अधिकतर लोग सोचते हैं कि इंसानों ने सबसे पहले गाय, भैंस या घोड़े जैसे जानवरों को पालतू बनाया होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। ऐतिहासिक और वैज्ञानिक रिसर्च बताती हैं कि दुनिया का सबसे पहला पालतू जानवर ‘कुत्ता’ था।
गाय और भैंस के पालतूकरण का इतिहास लगभग 11,000 साल पुराना है, लेकिन कुत्तों के साथ इंसानों के रिश्ते की जड़ें 15,000 से 16,000 साल पुरानी हैं। 2016 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित शोध में यह बात सामने आई थी कि इंसानों ने दो बार अलग-अलग स्थानों पर कुत्तों को पालतू बनाया – एक बार यूरोप में लगभग 15,000 साल पहले और दूसरी बार एशिया में 14,000 साल पहले।
क्यों पाले जाते थे कुत्ते?
आज जहां कुत्ते परिवार की तरह माने जाते हैं, वहीं उस समय इनका पालन एक खास जरूरत के तहत किया जाता था। उस समय इंसान कृषि नहीं करता था, बल्कि शिकार पर निर्भर था। कुत्ते शिकार में मदद करते थे – उन्हें शिकार की गंध सूंघने और जानवरों को पकड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जाता था। वे सहभोजी (co-feeder) के रूप में इंसानों के साथ भोजन साझा करते थे।
बाद में जब इंसान ने खेती शुरू की और अन्य जानवर जैसे गाय, भैंस, बकरी आदि पालने शुरू किए, तब कुत्ते इन पशुओं की रखवाली और सुरक्षा के काम में लगाए जाने लगे।
आज का रिश्ता: भावनात्मक जुड़ाव
आज के दौर में पालतू जानवरों के साथ इंसानों का रिश्ता सिर्फ उपयोगिता तक सीमित नहीं है, बल्कि एक भावनात्मक संबंध बन चुका है। कई लोग अपने पेट्स को बच्चों की तरह पालते हैं, उनके जन्मदिन मनाते हैं, उनके लिए डॉक्टर, ब्यूटी ट्रीटमेंट और यहां तक कि सोशल मीडिया अकाउंट्स भी बनाते हैं।
नेशनल पेट डे सिर्फ जानवरों के प्रति प्यार और सम्मान जताने का दिन नहीं है, बल्कि ये उन अनकहे पलों को याद करने का दिन भी है जो हमारे पालतू जानवर हमारी ज़िंदगी में भरते हैं – वफादारी, निःस्वार्थ प्यार और सच्चे साथी की तरह हमेशा साथ रहना।




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