HC ने राष्ट्रद्रोह के मामले में फिल्म मेकर आयशा सुल्ताना को दी अग्रिम जमानत

केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को लक्षद्वीप की एक फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना को एक टेलीविजन पैनल चर्चा (आयशा सुल्ताना बनाम केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप) पर की गई कुछ टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह मामले में अग्रिम जमानत दे दी

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केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को लक्षद्वीप की एक फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना को एक टेलीविजन पैनल चर्चा (आयशा सुल्ताना बनाम केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप) पर की गई कुछ टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह मामले में अग्रिम जमानत दे दी. सुल्ताना ने लाइव टीवी पर कहा था कि द्वीपों पर COVID प्रतिबंधों में ढील देने का केंद्र सरकार का निर्णय द्वीप के मूल निवासियों के खिलाफ एक "जैव-हथियार" था.

उच्च न्यायालय ने देशद्रोह मामले में फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना को अग्रिम जमानत दे दी है. बता दें कि गुरुवार को सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके साथ ही आयशा से गुरुवार को तीन घंटे तक पूछताछ भी की गई. बता दें आयशा से इस मामले में रविवार, बुधवार और गुरुवार को पूछताछ की गई थी. इसके बाद उसे छोड़ दिया गया. लक्षद्वीप के कवरत्ती थाने में तीन घंटे की पूछताछ के बाद आयशा ने बाहर आकर कहा कि अब सब कुछ खत्म हो गया है. 

जानिए क्या है पूरा मामला?

दरअसल, हाल ही में एक टीवी चैनल डिबेट के दौरान फिल्म प्रोडूसर आयशा सुल्ताना ने कहा कि लक्षद्वीप में अब तक कोरोना का एक भी मामला नहीं था, लेकिन अब हर दिन 100 मामले सामने आ रहे हैं.  मैं साफ तौर पर कह सकती हूं कि केंद्र सरकार ने प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को बायो वेपन के तौर पर नियुक्त किया है. वह यहां अलोकतांत्रिक, जनविरोधी नीतियों को लागू कर रहे हैं, जिससे लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. आयशा सुल्ताना के बयान के बाद बीजेपी ने इसकी कड़ी आलोचना की और उनके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया.वहीं केंद्र शासित प्रदेश की भाजपा इकाई के कई नेताओं ने इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई है. यहां तक ​​कि एक दर्जन से ज्यादा नेता पार्टी छोड़ चुके हैं.

भाजपा की लक्षद्वीप इकाई के अध्यक्ष अब्दुल खादर ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. अब्दुल खादर का आरोप है कि उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 फैलने की झूठी खबर फैलाई थी. इसने यह भी कहा कि यह सुल्ताना का एक राष्ट्रविरोधी कृत्य था, जिसने केंद्र सरकार की 'देशभक्त छवि' को धूमिल किया. साथ ही उन्होंने इसके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है. आपको बता दें कि इससे पहले भाजपा ने फिल्म निर्माता के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर द्वीप पर प्रदर्शन किया था.

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