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हर साल फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती मनाई जाती है। धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं की माने तो इस तिथि पर राजा जनक ने पुत्री के तौर पर देवी सीता को अपने पास स्वीकारा था। इसे सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन माता सीता की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की जाती है। साथ ही भगवान राम की पूजा अर्चना दिल खोलकर की जाती है। जानकी जयंती पर इनकी पूजा करने से घर पर सुख-समृद्धि की कमी नहीं रहती है। साथ ही विवाहित महिलाओं को जानकी जयंती की पूजा अर्चना करनी चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं कब मनाई जाने वाली है जानकी जयंती।
21 जनवरी के दिन जानकी जयंती मनाई जाने वाली है। फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 20 फरवरी सुबह 9:58 पर होगी और समाप्त 21 फरवरी सुबह 11:57 पर होगी। उदयतिथि के आधार पर ही इस दिन 21 फरवरी को जानकी जयंती मनाई जाने वाली है। जानकी जयंती पर माता सीता की पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। अगर आप माता-सीता का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो इस दिन माता सीता की पूजा आप करें। पूजा के लिए आप जानकी जयंती वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें। साफ कपड़े पहनने के बाद मंदिर या फिर पूजाघर में ही जानकी जंयती की पूजा आप कर सकते हैं।
ऐसे करें आप आरती
इसके बाद पूजा के लिए एक चौकी सजाकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाए और माता सीता और राम जी की मूर्ति या फिर तस्वीर आप स्थापित करें। इसके बाद रोली, अक्षत, फूल, भोग आदि आप उन्हें अर्पित करें। साथ ही जानकी जयंती की व्रत कथा जरूर पढ़ें। पूजा के बाद आप माता जानकी के मंत्र और चौपाइयों का भी ध्यान कर सकते हैं। फिर आप आरती करके अपनी पूजा पूरी करें।




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