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Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव को लेकर मायावती का बड़ा एलान, गठबंधन को लेकर साफ किया रुख

UP Politics: बसपा सुप्रीमो मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर रुख एकदम साफ कर दिया है.

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Image Credit: बसपा सुप्रीमो मायावती
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By Taniya Instafeed | खबरें - 23 August 2023

BSP Chief Mayawati Meeting: आगामी लोकसभा को देखते बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों मायावती ने संगठन और कैडर को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. बसपा सुप्रीमों ने आज यानी कि बुधवार को लखनऊ में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों, प्रभारियों व अन्य जिम्मेदार लोगों के साथ मीटिंग की. यह मीटिंग पार्टी की पुरानी कमियों को दूर करने के लिए की गई थी. मीटिंग में मायावती ने गठबंधन को लेकर अपना रुख एकदम साफ कर दिया है. बसपा प्रमुख ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव पार्टी अकेले अपने बूते पर लड़ेगी. 

गठबंधन को लेकर क्या बोलीं मायावती?

मीटिंग में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, बीएसपी का वोट दूसरी गठबंधन वाली पार्टियों की तरफ ट्रांसफर हो जाता है. जबकि ऐसा दूसरी पार्टियां हमारे उम्मीदवार के लिए नहीं करती हैं. जिससे पार्टी के लोगों के मनोबल पर असर पड़ता है. इसलिए हमको हमेशा गठबंधन से नुकसान हुआ है, और पार्टी की अम्बेडकरवादी विचारधारा का गठबंधन खासकर यूपी में दूसरी किसी भी पार्टी के साथ "सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय" की नीति व कार्यक्रम के आधार पर संभव नहीं है. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर निशाना भी साधा. 

बीजेपी पर साधा निशाना

मायावती ने कहा, भाजपा और कांग्रेस की नीतियों व कार्यशैली ने देश के गरीबों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों का हित व कल्याण कम तथा इन्हें आपस में फिर से तोड़कर इनका अहित ज्यादा किया है और सत्ता में रहकर शुरू से ही इन वर्गों के मामले में ज्यादातर कागज़ी खानापूर्ति ही की है. जमीनी हकीकत में इनके उत्थान के लिए ठोस कार्य नहीं किये हैं. जबकि बीएसपी समाज को जोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास करती है.

 कांग्रेस पर भी बरसीं मायावती 

पूर्व सीएम ने कांग्रेस और बीजेपी को टारगेट करते हुए कहा, भाजपा और कांग्रेस की नीतियों व कार्यशैली ने देश के गरीबों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों का हित व कल्याण कम तथा इन्हें आपस में फिर से तोड़कर इनका अहित ज्यादा किया है और सत्ता में रहकर शुरू से ही इन वर्गों के मामले में ज्यादातर कागज़ी खानापूर्ति ही की है, जमीनी हकीकत में इनके उत्थान के लिए ठोस कार्य नहीं किये हैं. जबकि बीएसपी समाज को जोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास करती है.

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