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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद, संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 नवंबर को कृषि विरोधी कानून आंदोलन की पहली वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए बड़ी संख्या में किसानों को विरोध स्थलों पर लाने की घोषणा की.
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हालांकि उन्होंने श्री मोदी की घोषणा का स्वागत किया, लेकिन किसानों ने कहा कि जब तक सरकार संसद में तीन कानूनों को वापस नहीं लेती तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे. कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने उनसे घर लौटने और अड़े नहीं होने का आग्रह किया क्योंकि केंद्र ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की उनकी मांग को पूरा कर लिया है.




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