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सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी पेरारीवलन को रिहा करने का आदेश दिया है. वह पिछले 31 साल से जेल में था और तमिलनाडु सरकार ने उसकी रिहाई के लिए याचिका दायर की थी. हालांकि कई लोग इसका लगातार विरोध कर रहे थे. वहीं, इस फैसले के बाद नलिनी श्रीहरन, मरुगन समेत 6 अन्य दोषियों की रिहाई की राह आसान हो जाएगी.
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भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को हत्या कर दी गई थी. पेरारिवलन को इस मामले में 11 जून 1991 को गिरफ्तार किया गया था. जांच में पता चला कि उन्होंने विस्फोट के मास्टरमाइंड शिवरासन को दो 9 वोल्ट की बैटरी खरीदी थी. ट्रायल पूरा होने के बाद 1998 में टाडा कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई और सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें बरकरार रखा, लेकिन 2014 में इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया. फिर जयललिता और ए. के. पलानीसामी सरकार ने सभी दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी.
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9 मार्च को, सुप्रीम कोर्ट ने माना कि पेरारीवलन ने पैरोल पर रहते हुए कोई नियम नहीं तोड़ा, यही वजह है कि उन्हें जमानत दी गई. इसके बाद सजा माफ करने पर बहस हुई. भारत सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने कहा कि केंद्रीय कानून के तहत दोषी व्यक्ति की दया याचिका पर राष्ट्रपति ही फैसला कर सकते हैं.




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