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आगरा की घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे विकास कार्यों को लेकर लोगों में गुस्सा फूटता है. 55 दिन तक विरोध के बावजूद नाली व सड़क का निर्माण नहीं होने पर सोमवार को 56 वर्षीय किसान ने 86 वर्षीय महिला के साथ समाधि ली. हंगामे के बीच इस तरह की घटना की सूचना मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया। तहसीलदार व सीओ बल सहित मौके पर पहुंचे। अधिकारियों के समझाने के बाद दोनों को छोड़ दिया गया.
गुस्साए लोग आंदोलन कर रहे थे
तहसीलदार ने बताया कि दोनों लोगों को समाधि से बाहर निकाल लिया गया है. मंगलवार से नाले का निर्माण शुरू हो जाएगा. गौरतलब है कि करीब एक महीने पहले किसान नेता सावित्री चाहर ने भी इसी मुद्दे को लेकर जीवित समाधि ली थी. दरअसल, मालपुरा थाना क्षेत्र के विकास नगर में नाला निर्माण की मांग को लेकर एक बार फिर से 2 लोगों के मकबरे को जिंदा लेने का मामला सामने आया है. यहां के ग्रामीण चार साल से नाला व गड्ढा बनाने की मांग कर रहे हैं.
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बार-बार आश्वासन के बावजूद काम नहीं होने पर स्थानीय लोगों ने 55 दिन पहले अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. आंदोलनकारियों ने लगातार पांच दिनों तक सामूहिक मुंडन, विधायक हेमलता दिवाकर के प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार और तेरहवें जैसे अलग-अलग प्रदर्शन किए थे. इसके बाद डीएम प्रभु नारायण सिंह ने उन्हें फोन कर 10 दिन के अंदर काम शुरू करने को कहा.




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