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चीन के हथियार फेल, भारत का 'ऑपरेशन सिंदूर' बना मिसाल: पाकिस्तान को सपोर्ट देना अब ड्रैगन को पड़ा भारी
भारत ने 7 से 10 मई 2025 के बीच 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में कई महत्वपूर्ण आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और घातक हमले किए। इन हमलों में ड्रोन, लेजर गाइडेड मिसाइल और स्मार्ट बम का इस्तेमाल किया गया। इन ऑपरेशनों ने न सिर्फ पाकिस्तान के कमज़ोर एयर डिफेंस सिस्टम की पोल खोल दी, बल्कि चीन द्वारा सप्लाई किए गए हाई-टेक हथियारों की सीमाओं को भी दुनिया के सामने ला दिया।
भारत के इस साहसी सैन्य अभियान ने दुनिया को दिखा दिया कि 'मेड इन इंडिया' हथियार अब केवल आत्मरक्षा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आक्रामक जवाब देने में भी सक्षम हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लाहौर और चुनियां एयरबेस पर चीन निर्मित रडार सिस्टम्स — जैसे YLC-8E एंटी-स्टील्थ रडार — पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए।
चुपके से किया चीन ने सपोर्ट, लेकिन दुनिया से छुप न सका
हालांकि चीन ने सार्वजनिक रूप से यह दावा किया कि वह भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ संतुलित और मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही थी। खुफिया सूत्रों के अनुसार, चीन ने न केवल पाकिस्तान को अत्याधुनिक हथियार मुहैया कराए, बल्कि सैटेलाइट इमेजरी, रडार डेटा और इंटेलिजेंस इनपुट के जरिए पाकिस्तान की सैन्य रणनीति में भी मदद की।
इसके बावजूद, जब पाकिस्तान को भारत से जवाबी कार्रवाई में बड़ा नुकसान हुआ, तो चीन ने तुरंत पल्ला झाड़ लिया। बीजिंग ने अपने बयान में कहा, "हम दोनों देशों से शांतिपूर्ण संवाद की अपेक्षा करते हैं और क्षेत्रीय स्थिरता के पक्षधर हैं।"
भारतीय मिसाइलों ने उड़ा दिए चीनी सिस्टम
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से लॉन्च किए गए चीन निर्मित AR-1 लेजर गाइडेड मिसाइल और ड्रोन भारतीय एंटी-एयर डिफेंस सिस्टम द्वारा आसमान में ही नष्ट कर दिए गए। चीन का गर्व कहा जाने वाला HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, जिसे पाकिस्तान ने महत्वपूर्ण ठिकानों पर तैनात किया था, भारत की इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर यूनिट ने बेहद आसानी से जाम कर दिया।
तुर्किए पर भी भारतीय जनता का गुस्सा फूटा
इस संघर्ष के दौरान जब तुर्किए ने भी पाकिस्तान का पक्ष लिया, तो भारत में इसके खिलाफ जबरदस्त विरोध देखने को मिला। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey ट्रेंड करने लगा, ट्रैवल बुकिंग्स रद्द हुईं और तुर्किए से आयात होने वाले सामान — जैसे सेब, मार्बल और घरेलू उपकरणों — का बहिष्कार शुरू हो गया। भारत में मौजूद तुर्किए की कंपनियों को अब आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है, जिससे चीन भी सतर्क हो गया है।
चीन में मचा हड़कंप, पाकिस्तान पर फोड़ा ठीकरा
चीन में जब अपने ही हथियारों की नाकामी की खबरें वायरल हुईं, तो वहां के कई सोशल मीडिया हैंडल्स ने पाकिस्तान को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की खराब ट्रेनिंग, कमज़ोर रणनीति और अयोग्य संचालन के कारण यह सब हुआ। वहीं, भारत के अधिकारियों ने पंजाब के होशियारपुर इलाके में चीन निर्मित PL-15 मिसाइल का एक अवशेष भी बरामद किया, जो इस बात का सबूत है कि चीन किस तरह से अप्रत्यक्ष रूप से इस संघर्ष में शामिल था।
भारत की ताकत और रणनीति ने बदला वैश्विक परिदृश्य
ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ पाकिस्तान को करारा जवाब दिया, बल्कि चीन की तकनीकी दादागिरी पर भी सवाल खड़े कर दिए। इस ऑपरेशन के बाद भारत की सैन्य छवि और सामरिक क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है। ‘मेड इन इंडिया’ रक्षा प्रणाली ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत अब न केवल आत्मनिर्भर है, बल्कि आक्रामक और निर्णायक सैन्य कार्रवाई के लिए भी पूरी तरह तैयार है।
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