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बिजली उपभोक्ताओं पर डबल मार! यूपी में हर महीने लगेगा फ्यूल सरचार्ज, चंद्रशेखर आजाद और विपक्ष का हल्ला बोल
उत्तर प्रदेश की जनता पर महंगाई की एक और मार पड़ी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य की बिजली कंपनियों ने नया फैसला लेते हुए बिजली बिल में फ्यूल सरचार्ज जोड़ दिया है। अब हर महीने उपभोक्ताओं से बिजली बिल के साथ 1.24% अतिरिक्त अधिभार (FPPAS - Fuel and Power Purchase Adjustment Surcharge) वसूला जाएगा। उदाहरण के तौर पर, अगर आपका बिल 1000 रुपये आता है तो आपको 12.40 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे।
चंद्रशेखर आजाद ने उठाए चार बड़े सवाल
नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता चंद्रशेखर आजाद ने इस फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर जमकर भड़ास निकाली और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीधे-सीधे सवाल पूछे। उन्होंने लिखा:
“जब बिजली कंपनियों के पास पहले से सरप्लस फंड मौजूद है, तो फिर जनता पर ये नया सरचार्ज क्यों थोपा जा रहा है? क्या ये जनता को लूटने का एक नया तरीका नहीं है?”
उन्होंने आगे बताया कि बिजली कंपनियों पर प्रदेश की जनता के 33,122 करोड़ रुपये पहले से बकाया हैं, इसके बावजूद आम उपभोक्ताओं की जेब काटी जा रही है।
चंद्रशेखर के सवाल:
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जब कंपनियों के पास सरप्लस फंड है तो सरचार्ज क्यों?
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क्या यह सरचार्ज वैध और पारदर्शी प्रक्रिया से लगाया गया?
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क्या हर वर्ग के उपभोक्ताओं पर इसे थोपना न्यायसंगत है?
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क्या गरीब और मध्यम वर्ग पर यह बोझ संविधान के अनुरूप है?
"बिजली ज़रूरत है, लक्ज़री नहीं" – चंद्रशेखर आजाद
उन्होंने कहा कि बिजली कोई लक्ज़री नहीं है, यह आम जनता की बुनियादी ज़रूरत है। अगर सरकार इसे महंगा करती है, तो इसका सीधा असर गरीब, किसान और छोटे व्यापारियों पर पड़ेगा। चंद्रशेखर ने ऐलान किया कि वह इस "जनविरोधी नीति" के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।
पल्लवी पटेल ने भी किया विरोध
अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल ने भी इस वृद्धि को 'भयावह' करार देते हुए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा:
“जब सरकार चुनाव के समय मुफ्त बिजली देने के वादे करती है, तो अब अचानक ये सरचार्ज क्यों? ये सीधा जनता से विश्वासघात है। गरीबों को राहत मिलनी चाहिए, न कि अतिरिक्त बोझ।”
समाजवादी पार्टी भी मैदान में
समाजवादी पार्टी ने भी फ्यूल सरचार्ज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और मांग की है कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए। सपा प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए आम जनता की जेब पर डाका डाल रही है।
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