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दो-दो वोटर आईडी! दो-दो राज्यों में नाम! और अब चुनाव आयोग का नोटिस ! बिलकुल सही सुना आपने — जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर इस बार फंस गए हैं बड़े बवाल में! बिहार से लेकर बंगाल तक उनके नाम पर डबल वोटर कार्ड मिलने से मचा है सियासी तूफ़ान! अब चुनाव आयोग ने सीधे PK को नोटिस भेज दिया है और विपक्ष से लेकर सत्ता तक सब एक-दूसरे पर वार कर रहे हैं दरअसल, प्रशांत किशोर का नाम बिहार के रोहतास जिले और पश्चिम बंगाल के भवानीपुर सीट — दोनों की मतदाता सूची में दर्ज पाया गया। दिलचस्प बात ये है कि भवानीपुर का पता TMC मुख्यालय का ही है यानी वही जगह जहाँ से ममता बनर्जी की पार्टी चलती है।
अब EC ने साफ कहा है — एक व्यक्ति दो जगह वोटर नहीं हो सकता। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31 के तहत यह दंडनीय अपराध है, जिसमें एक साल की जेल या जुर्माना दोनों हो सकते हैं PK को तीन दिन के अंदर जवाब देना होगा — आखिर उनका नाम दो राज्यों की लिस्ट में कैसे आया ?
इस पूरे मामले पर खुद प्रशांत किशोर बोले — “मैं 2019 से बिहार में वोटर हूं, लेकिन आयोग ने खुद ही मेरा नाम बंगाल से नहीं हटाया — गलती मेरी नहीं, EC की है!”
वहीं JDU और BJP ने उन पर करारा हमला बोला — नीरज कुमार बोले, “क्या बंगाल में वोटर बने बिना ममता दीदी के सलाहकार नहीं बना जा सकता था?” भाजपा ने इसे लोकतंत्र से खिलवाड़ बताया और कड़ी जांच की मांग की।
वहीं RJD ने कहा — “यह पूरा मामला साबित करता है कि बिहार का SIR सिर्फ दिखावा था।”
अब सवाल बड़ा है — क्या यह गलती सच में EC की है या PK का कोई नया पॉलिटिकल गेम? कमेन्ट में बताइए — क्या प्रशांत किशोर को सज़ा मिलनी चाहिए या आयोग जिम्मेदार है?




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