भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्रदत्त विशेष शक्तियों का उपयोग करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी के हत्यारे एजी पेरारिवलन को जेल से रिहा कर दिया.
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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में एजी को दोषी करार दिया है. पेरारीवलन को रिहा करने का आदेश दिया गया था. राजीव की हत्या के मामले में शामिल पेरारिवलन को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है और वह 30 साल से अधिक समय से जेल में है.
आपको बता दें कि, पेरारीवाल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में पिछले 31 साल से जेल में हैं. पेरारीवाल के वकील ने कहा कि वह पिछले 31 साल से जेल में सजा काट रहा है. जेल में रहने के बाद से उसका व्यवहार बहुत बदल गया है, और उसे अब रिहा कर दिया जाना चाहिए. वहीं सितंबर 2018 में तत्कालीन अन्नाद्रमुक की कैबिनेट में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, और इसकी सिफारिश राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को भेजकर पेरारीवलन सहित शेष 7 दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया गया था, जो आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे.
मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला लिया है. राजीव गांधी हत्याकांड में सजा काट रहे एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश जारी किया गया है. यह फैसला अनुच्छेद 142 के विशेषाधिकार के तहत लिया गया है. इस मामले में दया याचिका पर राज्यपाल और राष्ट्रपति ने रोक लगा दी थी, जिसके बाद कोर्ट ने यह बड़ा फैसला लिया है. राजीव गांधी हत्याकांड में जेल में बंद पेरारिवलन की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है.
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