हमसे कहीं बेहतर ये दो गांव, कोरोना से लड़ने का इनका प्लान है सबसे ख़ास

कोरोना की लगातार बढ़ती रफ्तार को देखते हुए इस गांव के लोगों ने खुद ही किया लॉकडाउन. ताकि न कोरोना आ सके, न जा सके.

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एक तरफ जहां देश कोरोनावायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है तो वहीं दलारना और रामबड़ौदा श्योपुर जिले के  ऐसे दो गांव हैं. जिन्होंने कोरोना के इस घातक समय में कुछ ऐसा कर दिखाया है जिससे बड़े-बड़े शहरों को उनसे सीख लेनी चाहिए. कोरोना की लगातार बढ़ती रफ्तार को देखते हुए यहां के लोगों ने खुद ही इन गांवों के अंदर लॉकडाउन लगा लिया. 

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आपको बता दें कि इन दोनों गांव वालों ने खुद को घरों के अंदर कैद कर लिया है. और इस बात की प्रतिज्ञा भी ली है कि जब तक स्थितियां नहीं सुधरेंगी सभी अपने अपने घरोंं में रहेंगे। बहुत जरूरी काम होने पर ही घर और गांव से बाहर जाएंगे.  इस कोरोनाकाल के दौरान हम मास्क लगाएंगे और अनिवार्य रूप से सोशल डिस्टेंसिंंग का पालन करेंगे। ग्रामीणों की इस पहल की अब पूरे क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है और दूसरे गांवों के लोग भी उनसे प्रेरणा ले रहे हैं. 

लॉकडाउन के दो महीने पहले ही इकट्ठा किया जरुरत का सामान

बता दें कि दलारना और रामबड़ौदा गांव 5 दिन पहले ही सभी गांववालों ने सील कर दिए थे. वह नहीं चाहते कि उनके गांव का कोई भी व्यक्ति इस कोरोना महामारी का शिकार न हो जाए.  वहीं घरों में कैद होने से पहले ग्रामीणों ने एक से दो महीनों का राशन और  सारी जरूरी चीजें पहले ही जुटा ली थीं. गांव के ज्यादातर घरों में खुद की सब्जी की खेती है. इसके अलावा, दाल, छाछ व बेसन से बनाई जाने बाली सब्जियों के सहारे वह इन विपरीत हालातों में सब्जी खरीदे बिना गुजारा कर सकते हैं.


जान है तो जहान है- ये है गांववालों की सोच

वही समस्त ग्रामीणों की बस एक ही सोच है कि जान है तो जहान है. इस वजह से हम गांव और घर से बाहर जाकर अपने और परिवार के लिए कोई भी खतरा मोल नहीं लेना चाहते. ग्रामीणों की जागरूकता के कारण इन दोनों गांवों में सन्नाटा पसरा है. सड़क मुहल्लों से लेकर सामूहिक चौपालों तक, जो हमेशा लोगों से भरी रहती हैं वह भी आज सुनी पड़ी है लेकिन इसका ग्रामीणों को कोई दुख नहीं है.

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हालात सुधरने के बाद फिर रहेंगे सब साथ मिलकर

दलारना के रामइंद्रेश का कहना है कि कोरोनाकाल से गाव को बचाने के लिए उनके गांव के सभी लोगों ने मिलकर यह निर्णय लिया है. अब छोटे से काम के लिए घर से कोई बाहर नहीं जाता. हालात सुधरने के बाद सभी पहले की तरह मिलकर रहेंगे.

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